श्रीनगर. भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के लोगों से विशेष जुड़ाव था, जिनसे वह प्यार करते थे. चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडे ने गुरुवार को यह बात कही.
बारामूला मुख्यालय में डैगर डिवीजन के कमांडर रहे जनरल रावत को श्रद्धांजलि देने के लिए बारामूला में एक समारोह में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "बारामूला के लोगों को जनरल रावत की मौत के दुख से उबरने में लंबा समय लगेगा."
बारामूला के लोगों के लिए जनरल रावत के विशेष प्रेम को याद करते हुए उन्होंने कहा, "उरी और बारामूला के लोगों के साथ और पूरे कश्मीर के लोगों के साथ उनका जितना प्यार और जुड़ाव देखा गया है, उतना मैंने कहीं नहीं देखा है."
लेफ्टिनेंट जनरल ने आगे कहा, "वह बारामूला के सभी लोगों के फोन कॉल में शामिल होते थे. वह उनकी जरूरतों को सुनते थे और फिर वह मुझे फोन करता थे और मुझसे उनकी मांगों को सुनने और उनकी मदद करने के लिए कहते थे. मुझे यकीन है कि बारामूला के लोगों ने किसी और से ज्यादा खोया है."
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने यह भी कहा, "मैं वास्तव में यहां बारामूला आना चाहता था, जहां वह जीओसी थे, हालांकि वह 5 सेक्टर (आरआर) के कमांडर भी थे. ये दो कार्यकाल उनके दिल के करीब थे, विशेष रूप से लोगों के कारण. मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं आप सभी इस नुकसान को महसूस कर रहे होंगे जैसे भारतीय सेना, सशस्त्र बल और पूरा देश महसूस कर रहा है."
उन्होंने कहा, "उनकी पत्नी और अन्य लोग भी मारे गए और यह एक बहुत बड़ी त्रासदी है और हमें इस दुख से बाहर आने में बहुत समय लगेगा."
बारामूला शहर में सेना द्वारा शोक प्रकट करने के लिए एक समारोह का आयोजन किया गया.
समारोह के दौरान डैगर डिवीजन के कमांडर मेजर जनरल अजय चांदपुरी और नागरिक और जिला प्रशासन के प्रमुख लोग मौजूद थे, जहां बुधवार को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले जनरल रावत और अन्य को श्रद्धांजलि दी गई.