गुलबर्गा. कर्नाटक के अखिल भारतीय सूफी सज्जादनाशिन परिषद (एआईएसएससी) की क्षेत्रीय विंग की पहली बैठक आज केबीएन कन्वेंशन सेंटर कलबुर्गी गुलबर्गा में आयोजित की गई.
कई सज्जादानशीं, मुतवल्ली और कर्नाटक की प्रमुख दरगाहों के जिम्मेदार व्यक्ति बैठक में मौजूद थे, जिनमें अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख एवं एआईएसएससी के अध्यक्ष जनाब सैयद नसरुद्दीन चिश्ती सज्जादानशीं और हजरत ख्वाजा बंदा नवाज दरगाह के संरक्षक जनाब सैयद खुसरो हुसैनी साहब सज्जादनाशीं शामिल हैं.
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सज्जादानशीं और मुतवल्ली से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में आम तौर पर देश और विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों से संबंधित मौजूदा मुद्दों पर चर्चा हुई.
परिषद के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती जो अजमेर दरगाह के वर्तमान आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी भी हैं, ने भव्य सभा को संबोधित किया.
सैयद नसरुद्दीन चिश्ती देश के विभिन्न हिस्सों में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि एआईएसएससी हमारे पड़ोसी देशों में हमारे गैर-मुस्लिम भाइयों के खिलाफ हिंसा की उसी स्वर और भाव में कड़ी निंदा करता है.
त्रिपुरा के मुसलमानों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हमें भारत के संविधान और देश के कानून को हर स्तर पर कायम रखना चाहिए. सरकार को यह भी देखना चाहिए कि उसके कानून किसी धर्म के मूल सिद्धांतों के खिलाफ नहीं जाते हों. किसी भी परिस्थिति में, किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए और धर्म, जाति या पंथ के बावजूद कानून का शासन सभी पर लागू होना चाहिए.
सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि एआईएसएससी जल्द ही राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए हर राज्य में जमीनी स्तर पर समारोह और सेमिनार आयोजित करना शुरू कर देगा, जो इस्लामी शिक्षा का एक हिस्सा है. राष्ट्र निर्माण के लिए काम करना हर नागरिक, खासकर युवाओं का कर्तव्य और जिम्मेदारी है. .
उन्होंने कहा कि हम सूफीवाद के सार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो शांति और मानवता के लिए प्रेम है. हमें साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए भी काम करना चाहिए. इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एआईएसएससी ने पहले ही हैदराबाद में सूफीवाद का एक स्कूल शुरू कर दिया था और देश के हर राज्य में इसी तरह के स्कूल खोलेगा.
उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दरगाह बोर्ड बनाने की मांग की. इस मुद्दे पर राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर एक ज्ञापन किया जाएगा, क्योंकि हम सज्जादानशीं और मुतवल्ली के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि एआईएसएससी के सभी सदस्य अपने सभी नागरिकों को कोविड-19 के खिलाफ टीका लगवाने के अपने प्रयास में अपनी सेवाएं देंगे.