आवाज द वाॅयस / बेंगलुरु
कर्नाटक पुलिस बेंगलुरु में नेटवर्क को ट्रैक करने के लिए पाकिस्तान की इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार आरोपी जितेंद्र सिंह से पूछताछ कर रही है.सिटी क्राइम ब्रांच ने मिलिट्री इंटेलिजेंस के साथ संयुक्त अभियान में सोमवार को आरोपी को गिरफ्तार किया था.
संयुक्त आयुक्त (अपराध) संदीप पाटिल ने बताया कि आरोपी को आगे की पूछताछ के लिए 12 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.पुलिस सूत्रों ने कहा कि उन्होंने चार लोगों की तलाश शुरू कर दी है जो उसके साथ रह रहे थे. अभी वे भूमिगत हो गए हैं.
जांचकर्ता बेंगलुरू जाने के उसके विशिष्ट उद्देश्य के बारे में पूछताछ कर रहे हैं, जिसे देश की आईटी राजधानी के रूप में जाना जाता है. पुलिस ने उसके मोबाइल डेटा को पुनः प्राप्त किया है और उसके संपर्कों को ट्रैक करना शुरू कर दिया है.
आरोपी की पहचान जितेंद्र सिंह के रूप में हुई है, जो राजस्थान के बाड़मेर जिले का रहने वाला है. सूत्रों का कहना है कि आरोपी सेना के ठिकानों, फायरिंग रेंज और भारतीय सेना की आवाजाही के वीडियो और तस्वीरें लेते थे. फिर उन्हें आईएसआई एजेंटों के पास भेजते थे.
फोटो और वीडियो लेते समय आरोपी ने भारतीय सेना की वर्दी पहनी हुई थी. वीडियो, फोटो, वॉयस मैसेज भेजने के बाद वह उन्हें डिलीट कर देता था. हालांकि, पुलिस अधिकारी सभी हटाए गए संदेशों को पुनः प्राप्त करने में कामयाब रही.
आरोपी जासूस को ‘नेहा उर्फ पूजाजी‘ नाम के फर्जी फेसबुक अकाउंट ने फंसाया था. उसकी जितेंद्र सिंह से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी, क्योंकि उसने सेना की वर्दी में उसकी एक तस्वीर डाली थी.सूत्रों ने कहा कि वह 2016 में आईएसआई के संपर्क में आया.
सालों तक मीठी-मीठी बातें करने के बाद, उसे मोटी रकम के बदले में वीडियो, फोटो और अन्य जानकारी भेजने के लिए कहा गया. आरोपी मान गए और अपने आदेश का पालन किया. सूत्रों ने कहा कि उन्हें विभिन्न खातों से भुगतान किया गया.
फेसबुक पर जितेंद्र सिंह और नेहा के बीच हुई बातचीत को देखते हुए मिलिट्री इंटेलिजेंस ने अकाउंट्स पर नजर रखना शुरू कर दिया. नेहा के अकाउंट में पाकिस्तान में कराची का आईपी एड्रेस दिखाया गया था.
जितेंद्र करीब दो महीने पहले बेंगलुरु शिफ्ट हुआ था. यहां उसने कपासपेट के जॉली मोहल्ला में दुकानदारों को कपड़े बेचने वाले फुटपाथ के कपड़े के व्यापारी के रूप में खुद को पेश किया.मिलिट्री इंटेलिजेंस और कर्नाटक पुलिस सिटी क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में उसे उठाया.