झारखंड: आतंक का पर्याय नक्सली कमांडर पुलिस मुठभेड़ में ढेर, 50से अधिक वारदातों का जिम्मेदार

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 04-05-2022
नक्सली कमांडर लाका पाहन
नक्सली कमांडर लाका पाहन

 

रांची. झारखंड में खूंटी जिले के कोटा गांव के पास स्थित जंगल में बुधवार को पुलिस मुठभेड़ में नक्सली कमांडर लाका पाहन मारा गया. वह प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) में जोनल कमांडर के ओहदे पर था और उस पर झारखंड के चार जिलों के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 50से ज्यादा मामले दर्ज थे. लाका पाहन रांची, खूंटी, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा जिले में आतंक का पर्याय बना हुआ था. 

खूंटी के एसपी अमन कुमार ने लाका पाहन के मुठभेड़ में मारे जाने की पुष्टि की है. बताया गया कि नक्सली कमांडर मंगलवार की रात कोटा गांव में मंडा पूजा पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने पहुंचा था. इसकी सूचना खूंटी पुलिस को भी मिली थी. इसके बाद पुलिस अपनी रणनीति के तहत बुधवार की सुबह झारखंड पुलिस की स्मॉल एक्शन टीम (सैट) के साथ मुरहू थाना प्रभारी और उनकी टीम सर्च अभियान चला रही थी. इसी दौरान जंगल में मोर्चा ले रखे उग्रवादियों की पुलिस से मुठभेड़ हो गई. लाका पाहन को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया. इस दौरान 60राउंड से अधिक गोलियां चलीं. हालांकि नक्सली कमांडर के दस्ते के दूसरे सदस्य फरार होने में सफल रहे. पुलिस ने उसके पास से एक हथियार भी बरामद किया है.

 

बाद में मौके पर खूंटी के एसपी अमन कुमार सहित कई पुलिस अफसर पहुंचे. लाका पाहन के खिलाफ पुलिस पांच लाख का इनाम घोषित करने से लिये गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा था, हालांकि अभी इनाम अभी घोषित नहीं किया गया था. वह पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप का बेहद करीबी था.

 

लाका पहान पूर्व में पीएलएफआई का एरिया कमांडर था. खूंटी पुलिस ने 2011-2012 गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन 2020 में जेल से निकलने के बाद वह वापस पीएलएफआई में शामिल हो गया. उसके बाद उसे संगठन ने सबजोनल कमांडर बना दिया. सबजोनल कमांडर का पद मिलते ही लाका ने नक्सली वारदात अंजाम देने लगा. ग्रामीणों का कहना है कि लाका पहान ने क्षेत्र की कई लड़कियों को हवस का शिकार बनाया था.