जम्मू-कश्मीर को ‘उचित’ समय पर राज्य का दर्जा मिलेगा: अमित शाह

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 13-02-2021
राज्य सभा में अपनी बात रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
राज्य सभा में अपनी बात रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

 

 

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को ‘उचित’ समय पर राज्य का दर्जा दिया जाएगा.

लोकसभा में 2021 के जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, “कई सांसदों ने कहा कि विधेयक लाने का मतलब है कि केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा. मैं विधेयक का नेतृत्व कर रहा हूं, मैं लाया हूं. मैंने इरादों को स्पष्ट कर दिया है.”

उन्होंने कहा, “कहीं भी यह नहीं लिखा है कि जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा. आपको यह निष्कर्ष कहां से मिला है ? मैंने इस सदन में कहा है और मैं फिर कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू और कश्मीर के राज्य के साथ कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा कि उचित समय पर केंद्र शासित क्षेत्र (यूटी) को राज्य का दर्जा दिया जाएगा.

गृहमंत्री ने कहा, "हम राज्य का दर्जा देंगे। मैंने पहले ही कहा है कि यह एक अस्थायी प्रणाली है।"

शाह ने कहा, "जम्मू-कश्मीर को उचित समय पर राज्य का दर्जा दिया जाएगा .. कृपया केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति को समझें और ऐसा कोई भी भाषण देने से बचें जो जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करता हो।"

इससे पहले सोमवार को राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की कांग्रेस पार्टी की मांग दोहराई थी.

अगस्त 2019 में, केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और इस क्षेत्र को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. अनुच्छेद 370 ने जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा दिया हुआ था.

क्या वे हिसाब मांगने के लिए फिट हैं

शाह ने विपक्ष को भी फटकार लगाई और कहा कि पिछले 70 वर्षों में उन्होंने क्या किया है. उन्होंने कहा, “मुझे कोई आपत्ति नहीं है, मैं हर चीज का हिसाब दूंगा. लेकिन जिन लोगों को पीढ़ियों के लिए शासन करने का अवसर दिया गया था, उन्हें यह देखना चाहिए कि क्या वे भी हिसाब की मांग करने के लिए फिट हैं.”

क्या आपने 70 सालों का हिसाब दिया

उन्होंने कहा, “हमसे पूछा गया था कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने के दौरान किए गए वादों के बारे में हमने क्या किया. इसे निरस्त किए जाने के 17 महीने हो चुके हैं और आप इसके लिए हिसाब की मांग कर रहे हैं. क्या आपने 70 साल तक जो कुछ किया था, उसका हिसाब दिया  था? क्या आपने ढंग से काम किया था?, आपको हमसे यह पूछने की आवश्यकता नहीं है.”

जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) अध्यादेश, 2021, 4 फरवरी को राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने पेश दिया था. विधेयक को राज्यसभा में सोमवार को पास किया गया था.

नए विधेयक का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), और भारतीय विदेश सेवा (आाईएफएस) अधिकारियों का विलय अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और संघ राज्य क्षेत्र (एजीएमयूटी) के साथ करना है.

विपक्ष के लिए हर चीज हिंदू-मुस्लिम

अमित शाह ने कहा, ओवैसी जी धारा 370के मामले को हिन्दू-मुस्लिम बना रहे हैं. विपक्ष के लिए हर चीज हिंदू-मुस्लिम. क्या हम देश के सरकारी अफसरों को भी हिन्दू-मुस्लिम में बांटेंगे? इस तरह विकास कैसे होगा. अधीर रंजन चौधरी हमसे 2जी और 4जी की बात कर रहे हैं. कांग्रेस ने तो मोबाइल सेवाएं ही बरसों तक बंद रखीं. हम पर दबाव की बात की जा रही है.

वोट बैंक की राजनीति करनी थी

अमित शाह ने बताया कि 370 हटने से ही जेएंडके में पंचायत सरकार मजबूत हुई. आपकी चार पीढ़ी ने जो काम किया, वो हमने डेढ़ साल में किया.

शाह ने दावा किया कि जिन्हें 70 साल में बिजली नहीं मिली, 17 महीने में दी. गृहमंत्री शाह ने पूछा कि "3परिवारों ने जेएंडके के लोगों की सेहत के लिए क्या किया?” किसके दबाव में धारा 370 को इतने समय तक चालू रखा? आप 17 महीने में हिसाब मांगते हो, 70 साल तक जब अस्थायी धारा 370 चली, उस वक्त हिसाब क्यों नहीं मांगते थे? अस्थायी प्रावधान को नहीं उखाड़ा, क्योंकि वोट बैंक की राजनीति करनी थी."

राजा, अब रानी की पेट से पैदा नहीं होंगे

गृहमंत्री शाह ने पूछा कि विपक्ष बताए, क्या जेएंडके देश का हिस्सा नहीं है क्या? हमने जेएंडके में पंचायती राज की स्थापना की. अमित शाह ने कहा कि राजा अब रानी की पेट से पैदा नहीं होंगे, वोट से होंगे. राजा अब दलित, गरीब के वोट से पैदा होंगे. जम्मू-कश्मीर के सभी अफसर भारत माता की संतान हैं.