जम्मू. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को बताया कि जेल के महानिदेशक हेमंत कुमार लोहिया की हत्या का मुख्य आरोपी एक घरेलू सहायक है. लोहिया 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और असम के मूल निवासी थे. लोहिया का तीन दशक का शानदार करियर रहा. उन्होंने एक बार श्रीनगर के लाल चौक पर एक आत्मघाती हमले को रोक दिया था और विभिन्न आतंकवाद विरोधी अभियानों में भाग लिया था.
पुलिस ने आरोपी की तस्वीरें भी जारी की हैं और उसके बारे में कोई भी जानकारी साझा करने के लिए फोन नंबर दिए हैं. पुलिस ने कहा, ‘‘डीजी कारागार एच.के. लोहिया की मौत की घटना की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि रामबन निवासी एक घरेलू सहायिका यासिर अहमद मुख्य आरोपी है.’’
पुलिस ने कहा, ‘‘मौके से एकत्र किए गए कुछ सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध आरोपी को इस अपराध को अंजाम देने के बाद भागते हुए भी दिखाया गया है.’’ पुलिस ने कहा कि अहमद इस घर में लगभग छह महीने से काम कर रहा था. और कहा कि प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि वह अपने व्यवहार में काफी आक्रामक था और अवसाद में भी था.
पुलिस ने कहा, ‘‘शुरुआती जांच के अनुसार अभी तक कोई आतंकी कृत्य सामने नहीं आया है, लेकिन किसी भी संभावना से इनकार करने के लिए गहन जांच की जा रही है. अपराध के हथियार को जब्त कर लिया गया है और कुछ दस्तावेजी सबूत उसकी मानसिक स्थिति को दर्शाते हैं.’’
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि लोहिया अपने जम्मू स्थित आवास पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए. पुलिस सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी का गला कटा हुआ शव कथित तौर पर जम्मू शहर में उनके आवास पर पाया गया.
पुलिस ने पहले कहा था, ‘‘शीर्ष अधिकारी का नौकर फरार है. शव को चिकित्सकीय-कानूनी औपचारिकताओं के लिए भेज दिया गया है. यह स्पष्ट रूप से एक हत्या की तरह लग रहा है. यह आतंकवाद से संबंधित घटना नहीं है.’’