श्रीनगर
आतंकी साजिश मामले में आरोपी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता वहीद-उर-रहमान परा को जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने देश के भीतर यात्रा करने की अनुमति दे दी।परा को मई 2022 में उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी और निर्देश दिया था कि वह जांच अधिकारी (आईओ) के समक्ष उपस्थित हों, अपना पासपोर्ट जमा करें और बिना अदालत की पूर्व अनुमति के केंद्र शासित प्रदेश से बाहर न जाएं।
परा ने इस शर्त में ढील देने के लिए उच्च न्यायालय में अर्जी दायर की थी। न्यायमूर्ति विनोद चटर्जी कौल और न्यायमूर्ति संजीव कुमार की पीठ ने निचली अदालत को सूचित करने के बाद परा को देश के भीतर यात्रा की अनुमति दी। अदालत ने आदेश में कहा कि परा मामले की सुनवाई कर रही अदालत को अपना स्थान और यात्रा का उद्देश्य बताने के बाद जम्मू कश्मीर से बाहर जा सकते हैं।
अधिवक्ता शारिक जे. रियाज़ ने दलील दी कि परा एक विधायक हैं और उन्हें अपने आधिकारिक कर्तव्यों के सिलसिले में बार-बार यात्रा करनी पड़ती है। अदालत ने माना कि जमानत की शर्त में संशोधन न्याय के हित में है।
परा को नवंबर 2020 में एनआईए ने हिज्बुल मुजाहिदीन का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पीडीपी ने इसे राजनीति प्रेरित बताया था। उन्हें जनवरी 2021 में जमानत मिली थी, लेकिन जेल से बाहर आने से पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
उच्च न्यायालय ने 2022 में जमानत देते समय कहा था कि जांच एजेंसी और अभियोजन पक्ष द्वारा जुटाए गए सबूत इतने अधूरे हैं कि उन्हें प्रथम दृष्टया सच मानना मुश्किल है।