Jammu and Kashmir High Court upholds detention under PSA of man accused of 'anti-national' post
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ सामग्री पोस्ट करने के आरोपी को जनसुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत एहतियातन हिरासत में रखने के फैसले को बरकरार रखा है।
न्यायमूर्ति संजय धर ने पिछले सप्ताह कुपवाड़ा के जिलाधिकारी द्वारा फरवरी 2024 में वसीम अहमद डार उर्फ लीपा के खिलाफ पीएसए के तहत जारी किए गए एहतियातन हिरासत के आदेश को बरकरार रखा।
उच्च न्यायालय ने आदेश में कहा, ‘‘ यह एक ऐसा मामला है, जिसमें याचिकाकर्ता की कथित गतिविधियों के आधार पर हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी की आशंका विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त रिपोर्ट पर आधारित थी, जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा अपने फेसबुक अकाउंट पर अपलोड किए गए वीडियो भी शामिल थे।’’
न्यायमूर्ति धर ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने अपने फेसबुक अकाउंट पर इन राष्ट्र-विरोधी वीडियो/फोटो/पोस्ट/चैट को अपलोड किया था, जिनके आधार पर हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी इस बात से संतुष्ट थे कि याचिकाकर्ता को हिरासत में लेना आवश्यक है, ताकि उसे उन गतिविधियों में शामिल होने से रोका जा सके, जो राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं।’’
पीएसए एहतियातन हिरासत में लेने का कानून है, जो प्राधिकारियों को राज्य की सुरक्षा या लोक व्यवस्था को खतरा पहुंचाने के संदेह में किसी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए दो साल तक के लिए हिरासत में रखने की अनुमति देता है।