जम्मू-कश्मीरः अमरनाथ में बादल फटने से मृतकों की संख्या हुई 15, आईएमडी ने कहा, बादल नहीं फटा, भारी बारिश हुई

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 09-07-2022
जम्मू-कश्मीरः अमरनाथ में बादल फटने से मृतकों की संख्या हुई 13, आईएमडी ने कहा, बादल नहीं फटा, भारी बारिश हुई
जम्मू-कश्मीरः अमरनाथ में बादल फटने से मृतकों की संख्या हुई 13, आईएमडी ने कहा, बादल नहीं फटा, भारी बारिश हुई

 

आवाज द वॉयस एवं एजेंसी /श्रीनगर
 
अमरनाथ के पवित्र मंदिर के पास बादल फटने से हुए हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जब 48 अन्य लोग घायल हैं. उधर, आईएमडी ने कहा है कि बादल नहीं फटा से हादसा नहीं हुई, बल्कि अत्याधिक भारी बारिश हुई से घटना घटी है.

गांदरबल के  मुख्य चिकित्सा अधिकारी गांदरबल, डॉ ए शाह ने कहा कि शुक्रवार की घटना में घायल हुए रोगियों की देखभाल तीनों बेस अस्पतालों में की जा रही है. बचाव कार्य में छह टीमें लगी हुई हैं. भारतीय सेना ने कहा कि पट्टन और शरीफाबाद से खोज और बचाव दल को पंजतरणी और पवित्र गुफा में लगाया गया है.
 
सीएमओ ने बताया, घायल मरीजों का अच्छे से इलाज किया जा रहा है और फिलहाल उनकी हालत स्थिर है.अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 48 घायल हैं. छह टीमें बचाव अभियान में शामिल हैं. दो अतिरिक्त चिकित्सा दल भी भेजे गए हैं. खोज और बचाव दल के साथ श्वान दस्ते को भी वायु मार्ग द्वारा पंजतरणी में शामिल किया गया. 
 
इससे पहले शुक्रवार को एनडीआरएफ प्रमुख ने कहा था कि एनडीआरएफ की टीम तुरंत बचाव कार्य में लग गई और अब तक तीन लोगों को बचाया जा चुका है.एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने कहा, एनडीआरएफ की एक टीम हमेशा पवित्र गुफा के पास तैनात रहती है, जो तुरंत बचाव कार्य में लग गई. एक और टीम को तैनात किया गया है. दूसरी टीम रास्ते में है.
 
अमरनाथ के पवित्र गुफा क्षेत्र में शुक्रवार को बादल फटने की घटना हुई, जिससे पवित्र गुफा से सटे श्नालेश् में पानी का भारी बहाव हुआ.भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अधिकारियों के अनुसार, शाम करीब साढ़े पांच बजे निचली पवित्र गुफा (अमरनाथ) में बादल फटा और बचाव दल मौके पर पहुंचे.
 
आईएमडी ने कहा, बादल नहीं फटा, अत्यधिक भारी बारिश हुई

जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा मंदिर के पास शुक्रवार को अचानक आई बाढ़ में कम से कम 13 यात्रियों की मौत के कारण को बादल फटना बताया जा रहा है.लेकिन क्या वाकई यह बादल फटा था ? जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि शाम करीब साढ़े पांच बजे बादल फटने से 13 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई. हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि यह बादल फटा नहीं था.
 
हर साल, आईएमडी अमरनाथ यात्रा के लिए एक विशेष मौसम सलाह जारी करता है. शुक्रवार को जिले के लिए सामान्य, दैनिक पूवार्नुमान येलो अलर्ट (मतलब नजर रखें) का था. यहां तक कि शाम के पूर्वानुमान, अमरनाथ यात्रा पूर्वानुमान वेबसाइट पर शाम 4.07 बजे, पहलगाम की ओर और बालटाल दोनों तरफ से मार्ग के लिए आंशिक रूप से बहुत हल्की बारिश की संभावना के साथ आंशिक रूप से बादल छाए रहने की आशंका थी, लेकिन साथ में कोई चेतावनी नहीं थी.
 
पवित्र गुफा में स्वचालित मौसम केंद्र (एडब्ल्यूएस) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 8’30 बजे से शाम 4ः30 बजे तक बारिश नहीं हुई.आईएमडी के एक वैज्ञानिक ने कहा, तब 4ः30 बजे से शाम 5ः30 बजे के बीच सिर्फ 3 मिमी बारिश हुई थी. हालांकि, शाम 5ः30 से 6ः30 बजे के बीच 28 मिमी बारिश हुई.
 
आईएमडी के मानदंड के अनुसार, यदि एक घंटे में केवल 100 मिमी वर्षा होती है तो इसे बादल फटना कहा जाता है.
 
फिर आखिर हुआ क्या? 

चश्मदीदों के एकाउंट और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई वीडियो के अनुसार, गुफा के प्रवेश से मुश्किल से 200-300 मीटर की दूरी पर दो पहाड़ी के बीच की एक धारा बड़ी मात्रा में पानी के साथ भारी मलबे को नीचे ले आई. स्पष्ट रूप से, यह पवित्र गुफा के पीछे वर्षा का परिणाम था.
 
जम्मू और केंद्र शासित प्रदेशों की देखभाल करने वाले श्रीनगर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख सोनम लोटस ने कहा, यह केवल पवित्र गुफा के ऊपर एक अत्यधिक स्थानीयकृत बादल था. इस साल की शुरूआत में भी ऐसी बारिश हुई थी. यह अचानक बाढ़ नहीं थी.
 
कमल ने यह भी पुष्टि की कि यह संभावना है कि गुफा की तुलना में अधिक ऊंचाई पर गंभीर वर्षा हुई थी.