आवाज-द वॉयस / मुंबई
महाराष्ट्र राज्य के कई जिलों में इन दिनों बाढ़ आ गई है, जिससे वहां की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हो रही है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद की महाराष्ट्र शाखा बाढ़ पीड़ितों को लगातार राहत पहुंचा रही है.
कोंकण की बाढ़ से महाराष्ट्र का तटीय क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है, खासकर महाराष्ट्र और उसके आसपास. साथ ही चैपलॉन और उसके उपनगरों में, रायगढ़ और रत्नागिरी के लगभग सभी इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
इन इलाकों में जमीयत उलेमा महाराष्ट्र (अरशद मदनी) की ओर से राहत कार्य शुरू किया गया है.
आज जमीयत उलेमा की दूसरी राहत महाड़ के अलग-अलग इलाकों में पहुंच गई है, जिसे पीड़ितों में बांटा जा रहा है. प्रभावित इलाकों की कुल ग्यारह बस्तियों को धराशायी कर दिया गया.
बड़वाडी, बरवाडी वारी, जीटा, सखरी, कासगांव, सावद, वावे, कमला, एकले गांव और महाड शहर के ग्यारह महल पंसारी मोहल्ला, देशमुख मोहल्ला, कटारी मोहल्ला, कर खंड मोहल्ला, ककरतला, कोट अली, श्रीकर, अली, काजलपुरा पंद्रह हजार भीमनगर, सलीवारा नाका, नवांगर, वेलकम अली में धर्म और राष्ट्रीयता से इतर लीटर पानी की बोतलें, एक हजार चटाई और आठ सौ चादरें वितरित की गई हैं.
इसी तरह, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र ने डॉक्टरों की एक टीम बनाई है, जिसमें डॉ शेख फैजान, डॉ अब्दुल फैज खान, डॉ शेख मुशर्रफ और डॉ सईद शामिल हैं, जो मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
जमीयत उलेमा कार्यालय मुंबई से आज पांच सौ किलो अमुल मिल्क पाउडर, तीन सौ कंबल, सात सौ चादरें, एक हजार चटाई, एक हजार झाड़ू, सात सौ बच्चे और मकबरे के लिए सिले कपड़े भेजे गए, जिन्हें पीड़ितों में बांटा जाएगा.
इससे पहले जमीयत उलेमा ने बाढ़ पीड़ितों को एक हजार चादरें, एक हजार चटाई और दवाइयां समेत राहत सामग्री भेजी थी.