जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने गैर-मुसलमानों से की लड़कियों को को-एड स्कूलों में न भेजने की अपील

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने गैर-मुसलमानों से की लड़कियों को को-एड स्कूलों में न भेजने की अपील
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने गैर-मुसलमानों से की लड़कियों को को-एड स्कूलों में न भेजने की अपील

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने सभी गैर-मुसलमानों से लड़कियों की स्कूली शिक्षा पर जोर देते हुए अपनी बेटियों को ‘अश्लीलता‘ से बचाने के लिए सह-शिक्षा स्कूलों में नहीं भेजने की अपील की है.
 
जेयूएच की कार्यसमिति की बैठक के बाद जारी एक प्रेस बयान में मदनी ने कहा, ‘अनैतिकता और अश्लीलता किसी धर्म की शिक्षा नहीं है. दुनिया के हर धर्म में इसकी निंदा की गई है, क्योंकि यही चीजें हैं जो समाज में दुर्व्यवहार फैलाती हैं. इसलिए हम अपने गैर-मुस्लिम भाइयों से  कहेंगे कि वे अपनी बेटियों को अनैतिकता और दुर्व्यवहार से दूर रखने के लिए सह-शिक्षा देने से परहेज करें और उनके लिए अलग शिक्षण संस्थान स्थापित करे.‘‘
 
कार्यसमिति की बैठक के दौरान बच्चे-बच्चियों के लिए स्कूल-कॉलेजों की स्थापना, विशेष रूप से लड़कियों के लिए धार्मिक वातावरण में अलग-अलग शिक्षण संस्थान और समाज में सुधार के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई.
 
मदनी ने कहा कि आज की स्थिति में लोगों को अच्छे मदरसों और उच्च धर्मनिरपेक्ष शिक्षण संस्थानों की जरूरत है, जिसमें बच्चों को शिक्षा के समान अवसर प्रदान किए जा सकें.मदनी ने कहा कि मुसलमानों को अपने बच्चों को किसी भी कीमत पर उच्च शिक्षा से लैस करना चाहिए.
 
उन्होंने कहा, ‘‘हमें ऐसे स्कूलों और कॉलेजों की सख्त जरूरत है जहां हमारे बच्चे, खासकर लड़कियां बिना किसी बाधा या भेदभाव के उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें.‘‘