फर्जीवाड़े को लेकर जयशंकर ने जयराम रमेश को लगाई फटकार

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 02-05-2021
एस. जयशंकर
एस. जयशंकर

 

नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार को कांग्रेस पर बरसे, जिसने यह बताने की कोशिश की थी कि केंद्र सरकार विदेशी दूतावासों में कोविड-19 चिकित्सा आपात स्थितियों में मदद पहुंचाने में विफल रही है. रविवार को, नई दिल्ली में न्यूजीलैंड दूतावास ने एक एसओएस को कांग्रेस के युवा नेताओं को टैग करते हुए ट्वीट किया, “क्या आप न्यूजीलैंड उच्चायोग में तत्काल ऑक्सीजन सिलिंडर की मदद कर सकते हैं? धन्यवाद.”

युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बी.वी. श्रीनिवास ने अनुरोध का जवाब दिया और एक घंटे बाद ट्वीट किया, “हम ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ न्यूजीलैंड उच्चायोग पहुंच गए हैं. कृपया द्वार खोलें और समय पर एक आत्मा को बचाएं.”

हालांकि, न्यूजीलैंड दूतावास ने जल्द ही माफी मांगते हुए कहा, “हम सभी स्रोतों से कोशिश कर रहे हैं कि ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था तत्काल की जाए और हमारी अपील का दुर्भाग्य से गलत अर्थ निकाला गया है, जिसके लिए हमें खेद है.”

न्यूजीलैंड दूतावास ने माफी तब मांगी, जब उसे पता चला कि जयशंकर ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को फटकार लगाई, क्योंकि उन्होंने शनिवार को सरकार पर फिलीपींस दूतावास में चिकित्सा आपातकाल के प्रति पूरी तरह से उदासीन और गैर-जिम्मेदार होने का आरोप लगाया था.

शनिवार को, भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) ने एक वीडियो ट्वीट करके दावा किया था कि उसके सदस्य नई दिल्ली स्थित फिलीपींस दूतावास में चिकित्सा आपातकालीन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.

रमेश ने वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा था, “मैं अपने शानदार प्रयासों के लिए आईवाईसी को धन्यवाद देता हूं. एक भारतीय नागरिक के रूप में मैं इस बात से स्तब्ध हूं कि विपक्षी पार्टी की युवा शाखा विदेशी दूतावासों से एसओएस कॉल में भाग ले रही है. क्या विदेश मंत्रालय (एमईए) सो रहा है?”

इसके जवाब में जयशंकर ने रविवार सुबह ट्वीट किया, “एमईए ने फिलीपींस दूतावास के साथ जांच की. यह एक अनचाही आपूर्ति थी, क्योंकि उनके पास कोई कोविड मामला नहीं था. आप स्पष्ट रूप से जानते हैं कि सस्ते प्रचार के पीछे कौन है. ऐसे में दूतावास में सिलिंडर लाकर छोड़ देना, जब दूसरी जगह लोगों को इसकी सख्त जरूरत हो. ऐसा क्यों? जयरामजी, एमईए कभी नहीं सोता है. हमारे लोग दुनिया भर में जानते हैं. एमईए कभी भी फर्जीवाड़ा नहीं करता, हम जानते हैं कि कौन क्या करता है.”