जगदीप धनखड़ आज लेंगे भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
जगदीप धनखड़
जगदीप धनखड़

 

आवाज द वॉयस /नई दिल्ली 

पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ गुरुवार को भारत के अगले उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे.
 
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज सुबह 11ः45 बजे राष्ट्रपति भवन में भारत के निर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पद की शपथ दिलाएंगी. धनखड़ को 6 अगस्त को उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था.
 
उन्होंने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को हराकर विजेता के रूप में उभरे.7 अगस्त को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने संयुक्त रूप से भारत के अगले उपराष्ट्रपति के रूप में जगदीप धनखड़ के चुनाव के प्रमाणन पर हस्ताक्षर किए.
 
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए उम्मीदवार ने अल्वा के 182 के मुकाबले 528 वोटों के साथ आराम से चुनाव जीता. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी हैं.
धनखड़ ने 74.36 फीसदी अंक हासिल किए. 1997 के बाद से हुए पिछले छह उप-राष्ट्रपति चुनावों में उनके पास सबसे अधिक जीत का अंतर है.
 
उपराष्ट्रपति चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर ने कहा कि कुल 780 मतदाताओं में से 725 ने अपने मत डाले, पर 15 मत अवैध पाए गए. उन्होंने कहा कि मतदान 92.94 प्रतिशत था. एक उम्मीदवार को निर्वाचित होने के लिए 356 मतों की आवश्यकता होती है.
 
लोकसभा में 23 सहित कुल 36 सांसदों वाली तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव से परहेज किया. हालांकि इसके दो सांसदों ने मतदान किया. उप राष्ट्रपति चुनाव में 55 सांसदों ने मतदान नहीं किया.
 
18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक गांव में एक किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की. भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की. पहली पीढ़ी के पेशेवर होने के बावजूद, वह राज्य के प्रमुख वकीलों में से एक बन गए.
 
71 वर्षीय धनखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय और भारत के सर्वोच्च न्यायालय दोनों में अभ्यास किया है. 1989 के लोकसभा चुनाव में जनता दल के टिकट पर झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया.
 
उन्होंने 1990 में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया. उनकी राजनीति शुरू में पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल से प्रभावित थी.जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले धनखड़ ने बाद में राज्य की राजनीति पर ध्यान केंद्रित किया और 1993 में अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधानसभा के लिए चुने गए.
 
धनखड़ को 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की घोषणा के बाद 17 जुलाई को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया.