आवाज द वॉयस / नई दिल्ली
भाजपा ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित नहीं किया है. कहा जा रहा था कि वह दौड़ में सबसे आगे थे. हालांकि, पार्टी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धुनखड़ के नाम की घोषणा कर सबको चौंका दिया.
ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले नकवी का राजनीतिक भविष्य क्या होगा? राज्यसभा की सदस्यता समाप्त होने के बाद से उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
उपराष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवारों में मुख्तार अब्बास नकवी का नाम सबसे आगे था, लेकिन आखिरी वक्त में जगदीप धुनखड़ का नाम तय हो गया. कहा गया कि भाजपा एक पिछड़े मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को पद के उम्मीदवार के रूप में मौका देने पर विचार कर रही है.
इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 2024 में लोकसभा चुनाव भी है. ऐसे में मुख्तार अब्बास नकवी को संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
इससे पहले भी कई वरिष्ठ मंत्रियों को मोदी कैबिनेट से हटाकर संगठन में जिम्मेदारी दी जा चुकी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर इसके प्रमुख उदाहरण हैं. ऐसे में संभव है कि नकवी को संगठन में बड़ी भूमिका में लाया जा सकता है.
मुख्तार अब्बास नकवी को लेकर यह भी चर्चा है कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का नया राज्यपाल बनाया जा सकता है. वर्तमान में, आरिफ मुहम्मद खान केरल के एकमात्र मुस्लिम राज्यपाल हैं. इससे संवैधानिक पद दिए जाने से भाजपा पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप भी कमजोर होगा.