जगद्गुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का निधन, पीएम मोदी, सीएम योगी ने जताया शोक

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 11-09-2022
द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

 

नई दिल्ली. द्वारका पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में निधन हो गया. वह 99 वर्ष के थे. द्वारका पीठ के सेकेंड-इन-कमांड (दांडी स्वामी के रूप में जाने जाने वाले) स्वामी सदानंद महाराज ने कहा कि शीर्ष धार्मिक नेता ने नरसिंहपुर के श्रीधाम झोटेश्वर आश्रम में दोपहर करीब साढ़े तीन बजे अंतिम सांस ली. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. साधु का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा. द्वारका, शारदा और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वरूपानंद के निधन से उन्हें गहरा दुख पहुंचा है. उन्होंने लिखा है, ‘‘दुख की इस घड़ी में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदना. ओउम् शांति!’’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दुख जताया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संत का निधन धार्मिक नेताओं के समुदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति है. मध्य प्रदेश के उनके समकक्ष शिवराज सिंह चौहान ने भी शोक व्यक्त किया और भारतीय परंपराओं के प्रति उनके योगदान के बारे में बताया.

अपनी श्रद्धांजलि में, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि स्वरूपानंद ने अपना जीवन धर्म, आध्यात्मिकता और दान के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने 2021 में प्रयागराज में द्रष्टा के साथ अपनी मुलाकात को भी याद किया. वाड्रा ने आगे कहा कि दिवंगत संत ने 1990 में अपने पिता राजीव गांधी की मौजूदगी में उनके घर का ‘गृह प्रवेश’ किया था.

शंकराचार्य लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका बेंगलुरु में इलाज चल रहा था. हाल ही में वह आश्रम लौटे थे. स्वरूपानंद का जन्म 1924 में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के दिघोरी गाँव में पोथीराम उपाध्याय के रूप में हुआ था. उन्होंने नौ साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था और स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्हें जेल में रखा गया था.