आवाज द वाॅयस /भोपाल
जबलपुर उच्च न्यायालय के सख्त आदेश के बाद मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के गठन को लेकर शासन स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है. वक्फ बोर्ड के गठन और चुनाव के संबंध में वक्फ बोर्ड के सीईओ द्वारा वक्फ बोर्ड के ट्रस्टियों और अध्यक्षों को नोटिस जारी कर इसे जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में 2018 से वक्फ बोर्ड का गठन नहीं हुआ है. हालांकि सूबे में 15 महीने तक कमलनाथ सरकार रही है, लेकिन बोर्ड गठन का मामला तय नहीं हो पाया.
शिवराज सिंह सरकार में भी जब दो साल से अधिक समय के बाद भी वक्फ बोर्ड का गठन नहीं हुआ है. तब अब्दुल शफीक कुरैशी ने बोर्ड के गठन के मुद्दे पर जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की.सुनवाई के दौरान जबलपुर उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि बोर्ड की संरचना के संबंध में जून के अंत तक चुनाव कराएं और प्रगति रिपोर्ट अदालत में जमा करें.
याचिकाकर्ता अब्दुल शफीक कुरैशी का कहना है कि हमें खुशी है कि हमारे वक्फ बोर्ड के गठन को लेकर जबलपुर उच्च न्यायालय में हमारी दलील सुनी गई और अदालत ने जून के अंतिम सप्ताह में वक्फ बोर्ड और मप्र सरकार को नोटिस जारी कर प्रगति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया.
यदि बोर्ड का गठन किया जाता है, तो यह न केवल अल्पसंख्यकों के कल्याण की सेवा करेगा, बल्कि बोर्ड की भूमि पर अवैध कब्जे को रोकने में भी मदद करेगा.
इस बीच, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के सीईओ सैयद शाकिर जाफरी ने कहा कि बोर्ड चुनाव कराने के संबंध में ट्रस्टियों और समिति अध्यक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं और चुनाव के सभी चरणों को जल्द ही आदेशों के आलोक में पूरा किया जाएगा.ं