इस्लाम अन्य धर्मों- विचारधाराओं के बीच तर्कसंगत संवाद को बढ़ावा देता है: जमात-ए-इस्लामी हिंद

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
 जमात.ए.इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सादातुल्लाह हुसैनी संगोष्ठी को संबोधित करते हुए
जमात.ए.इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सादातुल्लाह हुसैनी संगोष्ठी को संबोधित करते हुए

 

आवाज द वाॅयस / एर्नाकुलम ( केरल )
 
अंतःकरण की स्वतंत्रता इस्लाम की मौलिक विचारधारा है. इस्लाम अन्य धर्मों और विचारधाराओं के बीच स्वस्थ तर्कसंगत संवाद को बढ़ावा देता है. यह कहना है   जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सादातुल्लाह हुसैनी का. वह केरल के एर्नाकुलम टाउन हॉल में आयोजित “इस्लामः विचारों के आदान-प्रदान के लिए अनुकूल दिन” शीर्षक से जेआईएच केरल चैप्टर द्वारा आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे.
 
उन्होंने अपने उद्घाटन में भाषण में कहा, पूंजीपतियों, वैश्विक साम्राज्यवादियों, अपराधियों और लोकलुभावन राजनेताओं के बीच एक अपवित्र गठजोड़ लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहा है.मौजूदा उदारवादी प्रतिमान में इन समस्या का कोई समाधान नहीं. उन्होंने इस पर इस्लाम के विचार प्रस्तुत किए और स्वतंत्र तर्कसंगत विचारकों को इसका समाधान खोजने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया. 
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जमात के कार्यक्रम में शामिल लोग

उन्होंने कहा कि जमात की विचारधारा पर किसी भी तरह की स्वस्थ आलोचना का स्वागत है. वह दूसरों से भी यही उम्मीद करते हैं. स्वस्थ संवाद और वाद-विवाद किसी भी सभ्य समाज की पहचान होती है. इसकी रक्षा की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस्लाम मानवाधिकार और अल्पसंख्यक अधिकार दोनों को पूर्ण अधिकार मानता है.
 
बहुमत की राय के आधार पर इन अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है. उन्होंने ‘कम्युनिस्ट मित्रों‘ से इस्लाम के संदेश का अध्ययन करने की अपील. उन्होंने कहा कि यह धन के समान वितरण के लिए मजबूत नैतिक और नीतिगत उपाय प्रदान करता है.
 
उन्होंने ‘फेमिनिस्ट फ्रेंड्स‘ को भी संबोधित किया . कहा कि इस्लाम के सिद्धांत महिलाओं को पारंपरिक और आधुनिक समाजों के अत्याचार से बचाते हैं. इन सिद्धांतों का पालन करके नारीवाद के सकारात्मक आदर्शों को प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने विश्वासों को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ संवाद और सत्य की खोज के लिए ईमानदार प्रयासों की अपील की.

जमात-ए-इस्लामी हिंद के केरल क्षेत्र द्वारा ऐसी संगोष्ठी का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों को संवाद और चर्चा में शामिल करना और स्वस्थ बहस के लिए जमात के विचारों और विचारों को प्रस्तुत करना है. ऐसे कार्यक्रम केरल के अन्य हिस्से में भी आयोजित करने का निर्णय लिया गया.