तिरुवनंतपुरम. वायनाड में लोकसभा सदस्य राहुल गांधी के कार्यालय में तोड़फोड़ की जांच कर रही पुलिस ने शुक्रवार को उनके कार्यालय के एक कर्मचारी रतीश और तीन अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. घटना 24 जून की है. एसएफआई प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया था कि वायनाड के सांसद गांधी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों के 'बफर जोन' के मुद्दे पर कार्रवाई करने में विफल रहे. एसएफआई प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर उनके खिलाफ नारेबाजी की और वायनाड में उनके कार्यालय को क्षतिग्रस्त कर दिया था.
महात्मा गांधी की एक तस्वीर टूटी हुई पाई गई और भ्रम तब पैदा हुआ जब एसएफआई के प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि उन्होंने इसे नष्ट नहीं किया और आरोप थे कि यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं का काम था.पुलिस ने जांच शुरू की और शुक्रवार को कांग्रेस के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया.
स्थानीय कांग्रेस विधायक टी. सिद्दीकी ने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि ध्यान भटकाने की एक चाल है क्योंकि विधानसभा सोमवार से शुरू हो रही है. सिद्दकी ने कहा, "माकपा के एकेजे केंद्र-राज्य मुख्यालय पर जून के अंतिम सप्ताह में हमला किया गया था और सभी जानते हैं कि यह ध्यान भटकाने और कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाने के लिए खुद माकपा का काम था. वायनाड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कार्यालय में महात्मा गांधी की तस्वीर को नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. विजयन की पुलिस इस तरह से काम कर रही है."
सिद्दकी ने कहा, "यह कृत्य भी नरेंद्र मोदी को खुश करने के लिए किया गया है. पुलिस ने अभी तक उस कार्यालय से सीसीटीवी फुटेज की जांच नहीं की है जहां तोड़फोड़ हुई थी. इसके बिना पुलिस इस तरह कैसे निष्कर्ष निकाल सकती है." पुलिस ने राहुल के स्टाफ समेत कांग्रेस के चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है और सूत्र बताते हैं कि इन चारों को थाने से ही जमानत मिल जाएगी.