श्रीलंका के आर्थिक संकट से भारतीय चाय उद्योग की चमक बढ़ी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 19-05-2022
श्रीलंका के आर्थिक संकट से भारतीय चाय उद्योग की चमक बढ़ी
श्रीलंका के आर्थिक संकट से भारतीय चाय उद्योग की चमक बढ़ी

 

आवाज द वाॅयस /सिलीगुड़ी (पश्चिम-बंगाल) 

वैश्वि चाय बाजार के प्रमुख खिलाड़ी श्रीलंका के आर्थिक संकट से घिरे होने से भारतीय चाय के लिए एक अच्छा अवसर लेकर आया है. उत्तर बंगाल के चाय व्यापारियों ने कहा कि श्रीलंका की मौजूदा स्थिति के कारण वह अपनी चाय निर्यात नहीं कर पा रहा है, जिससे भारत में नए बाजार के लिए अवसर पैदा हुए हैं. 
 
सिलीगुड़ी चाय नीलामी समिति के अध्यक्ष और व्यापारी कमल कुमार तिवारी ने कहा, ‘वर्तमान संकट के कारण जिन श्रीलंकाई चाय के खरीदारों को चाय नहीं मिल पा रही है, वे भारत पर निर्भर हैं.
 
तिवारी ने कहा कि अगर श्रीलंका में इसी तरह की स्थिति बनी रही, तो भारतीय बाजार में तेजी आएगी, और जो लोग अच्छी गुणवत्ता वाले भारतीय चाय की तलाश में हैं, वे उन्हें दे सकते है. भारत मंे अच्छी गुणवत्ता वाली चाय का उत्पादन किया जाता है.
 
सिलीगुड़ी के एक अन्य व्यापारी और चाय बागान के मालिक सतीश मित्रुका ने कहा कि अगर भारतीय बाजार का और विस्तार होता है तो यह बीमार उद्योग के लिए वरदान होगा.
 
मित्रुका ने कहा कि श्रीलंका रूढ़िवादी चाय का एक प्रमुख उत्पादक है. वह लगभग 30 लाख किलोग्राम पारंपरिक चाय का उत्पादन करता है. इसके अधिकतम उत्पाद यूरोपीय और अमेरिकी देशों को निर्यात किए जाते हैं.
 
उन्होंने कहा,‘‘अब इस आर्थिक संकट के कारण खरीदार श्रीलंका से चाय खरीदने से हिचकिचाएंगे और इसके लिए भारत का रूख करेंगे.‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘इस बदलाव से भारत में पारंपरिक चाय बाजार को बढ़ावा मिलेगा.‘‘
 
श्रीलंका वर्तमान में तीव्र भोजन और बिजली की कमी से जूझ रहा है. इसकी वजह काविड-19 महामारी के दौरान पर्यटन पर रोक के कारण विदेशी मुद्रा की कमी को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
 
देश पर्याप्त ईंधन और गैस नहीं खरीद पा रहा है, जबकि लोगों को बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित कर दिया गया है.जैसा कि श्रीलंका में आर्थिक संकट दिन-ब-दिन बिगड़ता जा रहा है, बेरोजगारों सहित कई लोग दो समय का भोजन प्राप्त करने के लिए सरकार के विरोध में भाग ले रहे हैं.