आईएएफ विमान ने 150 और भारतीयों को काबुल से बाहर निकाला

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 17-08-2021
150 और भारतीय काबुल से बाहर
150 और भारतीय काबुल से बाहर

 

गांधीनगर. भारतीय वायु सेना का एक विमान मंगलवार को गुजरात के जामनगर एयरफोर्स बेस स्टेशन पर पहुंचा, जिसमें भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन सहित अफगानिस्तान से 150 से अधिक भारतीयों को लाया गया है. अफगानिस्तान और पड़ोसी पाकिस्तान के आसमान से बचते हुए हामिद करजई हवाई अड्डे से लंबी दूरी की उड़ान भरकर वायुसेना का विमान सुबह करीब 11.30 बजे जामनगर पहुंचा. विमान ने सुबह करीब आठ बजे काबुल से उड़ान भरी थी.
 
सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना का परिवहन विमान सी-17 150 यात्रियों को लेकर काबुल हवाईअड्डे से भारत के लिए रवाना हुआ था. 
 
रविवार को सी-17 ग्लोबमास्टर विमान ने करीब 180 भारतीयों को निकाला था.
 
निकाले गए लोगों में अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रोनेंद्र टंडन, दूतावास के कर्मचारी, उनके परिवार के सदस्य और युद्ध को कवर करने गए पत्रकार शामिल हैं.
 
गुजरात सरकार के राज्य मंत्री धर्मेंद्रसिंह जडेजा, जामनगर के मेयर, जामनगर के जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों ने यात्रियों को गर्मजोशी से बधाई दी. सभी यात्रियों को एक आवास में ले जाया गया, जहां उन्हें दोपहर का भोजन परोसा गया.
 
राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह जडेजा ने कहा, ”विमान जामनगर हवाई अड्डे पर सुबह 11.30 बजे पहुंचा. हमने उनका स्वागत किया. अधिकांश यात्री घबरा हुए थे और उन्होंने सभी को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. राज्य सरकार ने यहां जामनगर में उनके दोपहर के भोजन की व्यवस्था की है.”
 
अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति पर टिप्पणी करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोमवार को कहा था, “पिछले कुछ दिनों में काबुल में सुरक्षा की स्थिति काफी खराब हो गई है. हमारे बोलने से भी ज्यादा
तेजी से बदल रही हैं.”
 
उन्होंने कहा कि सरकार अफगानिस्तान में सभी घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखे हुए है.
 
उन्होंने कहा, “हम उस देश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर सलाह जारी करते रहे हैं, जिसमें उनकी तत्काल भारत वापसी का आह्वान भी शामिल है.”
 
उन्होंने यह भी कहा कि आपातकालीन संपर्क नंबर प्रसारित किए थे और समुदाय के सदस्यों को सहायता भी प्रदान कर रहे थे. उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि अफगानिस्तान में अभी भी कुछ भारतीय नागरिक हैं, जो वापस लौटना चाहते हैं और हम उनके संपर्क में हैं.
 
अफगान सिख और हिंदू समुदायों के बारे में उन्होंने कहा, “हम अफगान सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. हम अफगानिस्तान छोड़ने की इच्छा रखने वालों की भारत वापसी की सुविधा प्रदान करेंगे.”
 
अधिकारी ने यह भी कहा कि कई अफगान भी हैं, जो आपसी विकास, शैक्षिक और लोगों के प्रयासों को बढ़ावा देने में भारतीय भागीदार रहे हैं. उन्होंने कहा, “हम उनके साथ खड़े रहेंगे.”
 
उन्होंने यह भी बताया था कि काबुल हवाईअड्डे से वाणिज्यिक परिचालन को निलंबित कर दिया गया है. अधिकारी ने कहा, “इससे हमारे प्रत्यावर्तन प्रयासों में विराम लग गया है. हम प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.”
 
उन्होंने आश्वासन दिया था कि अफगानिस्तान की स्थिति की उच्च स्तर पर निरंतर निगरानी की जा रही है और सरकार भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और अफगानिस्तान में हमारे हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगी.
 
पश्चिमी समर्थित सरकार के पतन के बाद तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया है और राष्ट्रपति अशरफ गनी देश से भाग गए हैं, जिससे दो दशक के उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने देश को बदलने की कोशिश की थी.