मुसलमानों को ‘इस्लामिक अमीरात‘ को खारिज करना चाहिएः आईएमएसडी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 24-08-2021
भारतीय मुसलमानों को अफगानिस्तान
भारतीय मुसलमानों को अफगानिस्तान

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
इंडियन मुस्लिम फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी ने कहा है कि वह दुनिया में कहीं भी एक लोकतांत्रिक राज्य के विचार को खारिज करता है. इसने ‘इस्लामिक अमीरात‘ की वैधता पर सवाल उठाया, जिसे तालिबान अफगानिस्तान के लोगों पर थोपना चाहता है.
 
आईएमएसडी ने कहा, “हम भारतीय मुसलमानों के एक वर्ग के बीच स्पष्ट उत्साह से बहुत परेशान हैं, जिसमें धार्मिक नेता जैसे कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारी, मौलाना उमरैन महफूज रहमानी और मौलाना सज्जाद नोमानी और जमात-ए-इस्लामी शामिल है. तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने पर, ”आईएमएसडी द्वारा जारी एक बयान में यह बातें कही गई हैं.
 
संगठन की ओर से कहा गया,“यह भारत जैसे देश में एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के समर्थन में खड़े होने के लिए सरासर अवसरवाद और पाखंड के अलावा और कुछ नही. संगठन ने कहा, जहां मुसलमान अल्पसंख्यक हैं और जहां वे बहुमत में हैं, वहां शरिया शासन लागू करने की सराहना करते हैं. इस तरह का दोहरा मापदंड संघ परिवार के हिंदू राष्ट्र के एजेंडे को वैधता देता है.
 
आईएमएसडी ने कहा कि वह दुनिया भर में इस्लामी विद्वानों, धार्मिक नेताओं और मुस्लिम बुद्धिजीवियों की बढ़ती जमात के विचारों का सम्मान करता है, जो तर्क देते हैं कि ‘‘इस्लामिक राज्य‘‘ की धारणा इस्लाम की मूल शिक्षाओं के विपरीत है.
 
संगठन के अनुसार, इस्लाम के मूल मूल्य धर्मनिरपेक्ष-लोकतांत्रिक राज्य और धार्मिक बहुलवाद के मूल सिद्धांतों के विरोध में नहीं हैं. संगठन संकटग्रस्त लाखों अफगान महिलाओं और पुरुषों के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है, जो लंबे समय से  कठपुतली सरकारों और कब्जे वाले अमेरिकी और नाटो बलों और प्रतिगामी तालिबान के बीच फंसे हुए हैं.
 
संगठन का कहना है कि तालिबान के कुछ नेता सामान्य माफी, प्रेस की स्वतंत्रता और महिलाओं के अधिकारों के बारे में उचित शोर कर रहे हैं, जबकि अन्य नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह अफगानिस्तान में ‘‘शरिया कानून होगा, लोकतंत्र नहीं.‘‘
 
हालांकि, दुनिया भर में प्रसारित की जा रही दहशत से त्रस्त महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की दिल दहला देने वाली तस्वीरें, और पत्रकारों और असंतुष्टों के लिए घर-घर की तलाशी की खबरें अपनी कहानी खुद बयां करती हैं.
 
आईएमएसडी ने कहा,‘‘हम वैश्विक समुदाय से आह्वान करते हैं कि तालिबान पर निर्णायक दबाव डालने के लिए ‘24 × 7 अफगानिस्तान वॉच‘ लॉन्च करें ताकि दुनिया को यह सुनिश्चित और दिखाया जा सके कि, उनके पहले के क्रूर शासन के विपरीत, जिसने अफगानिस्तान को पृथ्वी पर एक वास्तविक नरक में बदल दिया था, विशेष रूप से महिलाओं के लिए, इस बार वे सभी महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की स्वतंत्रता और अधिकारों का सम्मान कर रहे हैं अथवा नहीं.
 
संगठन ने सामान्य रूप से लोकतांत्रिक दुनिया और विशेष रूप से अमेरिका से अफगानों के लिए अपनी सीमाएं खोलने का आह्वान किया, जो अपने देश से भागने के लिए मजबूर हैं.