भारतीय दूतावास छात्र का पार्थिव शरीर हासिल करें: बोम्मई

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 02-03-2022
भारतीय दूतावास छात्र का पार्थिव शरीर हासिल करें: बोम्मई
भारतीय दूतावास छात्र का पार्थिव शरीर हासिल करें: बोम्मई

 

बेंगलुरू. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कहा कि उन्होंने युद्धग्रस्त यूक्रेन में भारतीय दूतावास से नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर का पार्थिव शरीर हासिल करने का अनुरोध किया है, जिनकी यूक्रेन के खारकीव प्रांत में रूसी सेना की गोलाबारी में मौत हो गई है.

यहां पत्रकारों से उन्होंने कहा, "हमें नवीन के शव की तस्वीरें मिली हैं. ड्रेस भी कुछ ऐसी ही है और नवीन के दोस्तों ने उन्हें यूक्रेन से भेजा है. गोलाबारी बंद होने के बाद उन्होंने तस्वीरें ली हैं. मैं केंद्रीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर और यूक्रेन में भारतीय दूतावास से भी नवीन के पार्थिव शरीर को हासिल करने के गंभीर प्रयासों के संबंध में बात करूंगा." "

मैंने भारतीय दूतावास से अनुरोध किया है कि पहले पार्थिव शरीर को हासिल करें और फिर वे इसे बाद में ले जा सकते हैं. मैंने तस्वीरें विदेश मंत्रालय को भेज दी हैं, इसकी पुष्टि उनके द्वारा की जानी बाकी है." भारत सरकार द्वारा निकासी अभियान तेज कर दिया गया है.

भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए आने वाले दो-तीन दिनों में 26 विमान सेवा में लगाए जाएंगे. सीएम बोम्मई ने कहा, 'मैं कर्नाटक के ज्यादा से ज्यादा छात्रों को आगे बढ़ाने की कोशिश करूंगा.' छात्रों को विभिन्न स्थानों से युद्ध क्षेत्रों से सुरक्षित क्षेत्रों में आने के लिए कहा गया है.

चूंकि यह एक युद्ध क्षेत्र है, इसलिए किसी भी चीज पर स्पष्टता मुश्किल है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भारतीय छात्रों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने के लिए यूक्रेन की सरकार से बात की है. सीएम बोम्मई ने आगे कहा कि निकासी के लिए एक योजना बनाई गई है.

भारतीय छात्रों को धीरे-धीरे युद्ध क्षेत्र से बाहर निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता मृतक नवीन के पार्थिव शरीर को वापस लाना है। उन्होंने कहा, "तब हम निश्चित रूप से परिवार को मुआवजा देंगे.

परिवार के सदस्य मांग कर रहे हैं कि उनके बेटे का पार्थिव शरीर वापस लाया जाए. हम पूरी कोशिश कर रहे हैं." उन्होंने विपक्षी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा कि यूपीए सरकार के समय युद्ध की कई स्थितियां थीं, लेकिन एक भी व्यक्ति को भारत वापस नहीं लाया गया.

उन्होंने कहा, "हमारे देश ने बड़े पैमाने पर निकासी अभियान चलाया है, जिसे किसी अन्य देश ने नहीं किया. भारतीय छात्रों को लेकर 26 उड़ानें 72 घंटों में पहुंच रही हैं. निकासी अभियान लगातार हो रहा है." इससे पहले मृतक नवीन के भाई हर्ष ने बुधवार को कहा कि उसके भाई के पार्थिव शरीर को भारत कब लाया जाएगा, इसकी पुष्टि परिवार को कोई नहीं कर रहा है.

उन्होंने कहा, "उनका पार्थिव शरीर हमारे पास वापस लाया जाना चाहिए. उनके दोस्त जिंदा वापस आ रहे हैं और हम मौत की खबर का सामना कर रहे हैं. नवीन के पिता शेखरप्पा ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को खो दिया है और वह चाहते हैं कि सरकार अन्य लड़कों को जीवित भारत वापस लाए.

हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं, वे हमारे देश की संपत्ति हैं. उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाना चाहिए."