नई दिल्ली. भारतीय सेना ने देश भर में कोविड के मामलों में तेजी से वृद्धि से निपटने के के लिए वास्तविक समय (रियल टाइम) की प्रतिक्रियाओं के समन्वय में अधिक दक्षता लाने के लिए कोविड प्रबंधन प्रकोष्ठ का गठन किया है.
सेना के एक बयान में कहा गया है, स्टाफिंग और रसद संबंधी सहायता के कई पहलुओं का समन्वय करने के लिए एक महानिदेशक रैंक के अधिकारी के तहत एक विशेष कोविड प्रबंधन प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है, जो सीधे वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को रिपोर्ट करता है.
बल ने कहा कि यह परीक्षण, सैन्य अस्पतालों में प्रवेश और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों के परिवहन के रूप में नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करता है.
इसके अलावा, सेना ने विभिन्न अस्पतालों में विशेषज्ञों, सुपर विशेषज्ञों और पैरामेडिक्स सहित अतिरिक्त डॉक्टरों को तैनात किया है.
रक्षा मंत्रालय ने 31 दिसंबर, 2021 तक सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के लघु सेवा आयोग के डॉक्टरों को एक विस्तार दिया है, जिसने 238 और डॉक्टरों द्वारा एएफएमएस की ताकत को बढ़ाया है.
स्वास्थ्य पेशेवरों के कार्यबल को और मजबूत करने के लिए, जो हाल ही में एएफएमएस से सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हें फिर से तैनात किया गया है.
इससे दिल्ली समेत देश भर में कोविड मामलों में बेहद तेी से हो रही वृद्धि को कम करने के लिए रीयल टाइम प्रतिक्रियाओं के समन्वय में अधिक दक्षता आएगी. दिल्ली में परीक्षण, सैन्य अस्पतालों में प्रवेश और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों के परिवहन आदि के रूप में नागरिक प्रशासन को सहायता पहले से ही प्रदान की जा रही है.
भारतीय सेना राष्ट्रीय स्तर पर कोविड रिस्पांस में सबसे आगे रही है. एक ओर जहां सेना ने अपने सैन्य बल को बचाए रखा है एवं पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित की है, वहीं सेना ने सिविल अधिकारियों की सहायता के लिए काफी चिकित्सा संसाधन भी तैनात किए हैं, विशेषकर दिल्ली, अहमदाबाद, लखनऊ, वाराणसी और पटना में उन पांच कोविड अस्पतालों में जो इन शहरों में या तो पहले से कार्यरत हैं या स्थापित होने की प्रक्रिया में हैं.
भारतीय सेना कोविड महामारी से लड़ने में राष्ट्रीय प्रयासों में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध है.