एयर-लॉन्च यूएवी के लिए भारत और अमेरिका समझौते को मिली मंजूरी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 03-09-2021
एयर-लॉन्च यूएवी के लिए भारत और अमेरिका समझौते को मिली मंजूरी
एयर-लॉन्च यूएवी के लिए भारत और अमेरिका समझौते को मिली मंजूरी

 

नई दिल्ली. भारत और अमेरिका के रक्षा मंत्रालयों ने मानव रहित विमानों (एयर-लॉन्च्ड अनमैन्ड एरियल व्हीकल-एएलयूएवी) के संबंध में एक परियोजना-समझौते (पीए) पर हस्ताक्षर किए हैं. 

 
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
 
इसे गुरुवार को मंजूरी मिल गई थी. समझौते में मानव रहित विमानों में ड्रोन आदि शामिल हैं. यह समझौता रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआई) के हवाले से संयुक्त वायु प्रणाली कार्य समूह के तहत 30 जुलाई, 2021 को किया गया.
 
भारत और अमेरिका के रक्षा मंत्रालयों के बीच हुए अनुसंधान, विकास, परीक्षण और मूल्यांकन (आरडीटी-एंड-ई) समझौता-ज्ञापन के दायरे में एएलयूएवी को रखा गया है. इस समझौता-ज्ञापन पर सबसे पहले जनवरी 2006 में हस्ताक्षर किये गये थे और जनवरी 2015 को उसका नवीनीकरण किया गया था.
 
यह समझौता रक्षा उपकरणों को मिलकर विकसित करने की दिशा में दोनों देशों के बीच रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग को और गहन बनाने की एक महत्वपूर्ण पहल है.
 
डीटीटीआई का मुख्य लक्ष्य है कि सहयोगात्मक प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान तथा भारत और अमेरिकी सेना के लिये भावी प्रौद्योगिकियों के सह-उत्पादन और सह-विकास पर लगातार जोर देना. डीटीटीआई के अंतर्गत थल, जल, वायु और विमान वाहक पोतों की प्रौद्योगिकियों के संबंध में एक संयुक्त कार्य समूह का गठन किया गया है, ताकि इन क्षेत्रो में आपसी चर्चा के बाद मंजूर होने वाली परियोजनाओं पर ध्यान दिया जा सके.
 
एएलयूएवी के बारे में जो परियोजना-समझौता किया गया है, वह वायु प्रणालियों से जुड़े संयुक्त कार्य समूह के दायरे में आता है. यह डीटीटीआई की एक बड़ी उपलब्धि है.
 
परियोजना-समझौते में अमेरिका की एयरफोर्स रिसर्च लैबोरेट्री (एएफआरएल), भारतीय वायु सेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के बीच सहयोग का खाका शामिल किया गया है. इसके तहत एएलयूएवी प्रोटोटाइप का डिजाइन तैयार किया जायेगा और उसका विकास, परीक्षण तथा मूल्यांकन किया जायेगा.
 
डीआरडीओ में स्थित वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) और एएफआरएल के तहत एयरोस्पेस सिस्टम्स डायरेक्टोरेट, भारतीय और अमेरिकी वायु सेना इस परियोजना-समझौते को क्रियान्वित करने वाले मुख्य संगठन हैं.
 
भारतीय वायु सेना की तरफ से उप वायुसेना प्रमुख (योजना) एयर वाइस मार्शल नरमदेश्वर तिवारी तथा अमेरिकी वायु सेना की तरफ से एयर फोर्स सेक्योरिटी असिस्टेंस एंड को-ऑपरेशन डायरेक्टोरेट के निदेशक ब्रिगेडियर जनरल ब्रायन आर. ब्रकबॉवर ने हस्ताक्षर किये. उल्लेखनीय है कि दोनों अधिकारी डीटीटीआई के तहत गठित संयुक्त कार्य समूह के सह-अध्यक्ष हैं.