नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर की राजधानी जम्मू में भारतीय वायु सेना के अड्डे पर हाल ही में हुए हमले के बाद यह संभावना जाहिर की गई है कि भारत सरकार इजरायल से ड्रोन रोधी प्रणाली खरीदेगी.
इजरायल द्वारा विकसित एंटी-ड्रोन सिस्टम को ‘स्मैश 2000’ कहा जाता है. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय नौसेना पिछले कुछ समय से एंटी-ड्रोन सिस्टम का परीक्षण कर रही है, क्योंकि इस तरह के खतरे की पहचान पहले ही हो चुकी थी.
इजरायली ड्रोन रोधी प्रणाली खरीदने का फैसला भारतीय वायुसेना अड्डे पर ड्रोन हमले के तुरंत बाद जम्मू के अन्य हिस्सों में और ड्रोन देखे जाने के बाद हुआ है. यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जम्मू में ड्रोन हमले की जांच कर रही है, जिसने दो ड्रोन के इस्तेमाल की पुष्टि की है.
सूत्रों ने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञ हमले में इस्तेमाल किए गए आरडीएक्स की पहचान कर रहे हैं.
इस ताजा स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे.
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने सतवारी में ड्रोन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा के शामिल होने की पुष्टि की है. उन्होंने दावा किया कि ये मशीनें इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान से आई हैं.
पुलिस ने जम्मू के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को ड्रोन देखने पर तुरंत पुलिस को सूचना देने की एडवाइजरी जारी की है.