आवाज द वॉयस नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि हाल में कानपुर और प्रयागराज में स्थानीय विकास प्राधिकरणों द्वारा बुलडोजर की कार्रवाई उसका कोई लेना देना नहीं. सरकार ने दलील दी कि उत्तर प्रदेश शहरी नियोजन और विकास अधिनियम, 1973 की कार्रवाई नियमानुसार की गई है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिका के जवाब में राज्य सरकार ने हलफनामा दाखिल कर यह बातें कही हैं. जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका में आरोप लगाया गया कि बुलडोजर की कार्रवाई पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी के विरोध के लिए अल्पसंख्यक समुदाय को टारगेट करने वाली चयनात्मक कार्रवाई थी.
राज्य ने दलील देते हुए कहा कि इश्तियाक अहमद और रियाज अहमद की संपत्तियों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई है, जिसे याचिकाकर्ता द्वारा दंगों से जोड़ा जा रहा है. राज्य सरकार ने आगे कहा कि दोनों ही मामलों में, दो अवैध संरचनाओं के कुछ हिस्से थे और दोनों भवन निर्माणाधीन थे,
दी गई अनुमति के अनुरूप नहीं थे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शहरी नियोजन के तहत कार्रवाई दंगों की घटनाओं से बहुत पहले कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा दो भवनों के खिलाफ शुरू किया गया था.