ईद स्पेशलः पुणे में जरूरतमंदों को मिलेगा पांच रुपए में शीर खुर्मा

Story by  शाहताज बेगम खान | Published by  [email protected] • 1 Years ago
पुणे में जरूरतमंदों को मिलेगा पांच रुपए में शीर खुर्मा
पुणे में जरूरतमंदों को मिलेगा पांच रुपए में शीर खुर्मा

 

शाहताज खान/ पुणे

यह खबर कुछ लोगों के लिए खुश खबरी है कि उम्मीद फ़ूड हाऊस पर ईद के मुबारक अवसर पर लोगों की मांग को देखते हुए शिर खुरमा उपलब्ध कराया जाएगा. यह बात कोई आम बात नहीं बल्कि बहुत ख़ास है. इस बात का महत्त्व समझने के लिए यह जानना आवश्यक है कि यह दावत उस फ़ूड हाऊस पर दी जा रही है जहां प्रति दिन पांच रुपए में एक व्यक्ति को पेट भर कर भोजन उपलब्ध कराया जाता है. ईद पर शिर खुरमा भी मिलेगा लेकिन पांच रुपए प्रति व्यक्ति अदा करने होंगे.

बाहर वबा का खौफ है घर में बला की भूख

उम्मीद फाउंडेशन के अध्यक्ष परवेज़ फरीद की कोशिशों का नतीजा है कि 2020 में लगने वाले लॉक डॉउन के समय शुरू किए गए उम्मीद फ़ूड हाऊस ने एक दिन भी छुट्टी नहीं ली है. क्योंकि वह जानते हैं कि भूख हर रोज़ लगती है.

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ठाणे के मुंब्रा में उम्मीद फ़ूड हाऊस की स्थापना के संबंध में बात करते हुए परवेज़ साहब का कहना है कि अचानक लगने वाले लॉक डॉउन ने लोगों को बहुत मुश्किल में डाल दिया था. समस्या आई तो लोगों ने अपने अपने तरीके से सहायता करना शुरू की. हम भी अपनी टीम के साथ राशन किट लेकर लोगों तक पहुंचे. लेकिन हम ने देखा कि राशन तो हम इन्हें दे देंगे लेकिन लोग दाल चावल पकाएंगे कैसे. कच्चा तो नहीं खा सकते. इन लोगों के पास खाना पकाने के लिए न लकड़ियां थीं, न मिट्टी का तेल और गैस सिलेंडर तो भूल ही जाइए. परवेज़ साहब आगे बताते हैं कि तब हम ने खाना पका कर लोगों में तकसीम करना शुरू किया जो लगातार जारी है.

कोई भूखा न रह जाए, इंतज़ाम किया जाए

उम्मीद फ़ूड हाऊस की रसोई सिरीलंका देवरीपाड़ा मुंब्रा में है. जहां खाना पका कर तैयार किया जाता है. फिर दैसर ठाकुरपाड़ा और सहारा कॉलोनी के वितरण सेंटर पर लोगों में तकसीम किया जाता है. इन फ़ूड हाऊस के द्वारा 500 से अधिक लोगों को खाना उपलब्ध कराया जाता है.

स्लम बस्तियों में रहने वाले मजदूरों और गरीब बेसहारा लोगों को यह सुविधा दी जाती है. परवेज़ साहब से जब पूछा कि क्या यहां से कोई भी खाना ले सकता है तो उन्होंने बताया कि हम ने खाना लेने आने वाले सभी लोगों का सर्वे किया है. और उनकी पूरी जानकारी हमारे पास मौजूद है. अगर कोई पहली बार खाना लेने आता है तो हम खाना तो दे देते हैं लेकिन एक छोटा सा फॉर्म भरने के लिए देते हैं. फिर उनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद एक कार्ड जारी करते हैं. जिस पर हर रोज़ एंट्री की जाती है.

पांच रुपए प्रति व्यक्ति क्यों?

जब परवेज़ साहब से पूछा कि पांच रुपए में खाना देने की कोई ख़ास वजह. तो उन्होंने बताया कि यहां स्लम बस्तियों में रहने वाले मेहनत कर के अपना पेट भरते हैं. मजबूरी के कारण वह यहां आते हैं. उनके आत्म सम्मान को कोई ठेस न पहुंचे और वह आराम से खाना ले कर जाएं इसी लिए मुफ़्त नहीं बल्कि एक कीमत तय की गई. यही कारण है कि लोग हर रोज़ बिना किसी झिझक के खाना लेने आते हैं.

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भूख चेहरों पे लिए

खाना लेने की लाइन में लगी एक महिला ने बताया कि पांच रुपए में इतना खाना मिलता है कि हम पेट भर कर खाना खाते हैं. बूढ़ी माता जी ने बताया कि यहां हर रोज़ अलग अलग खाना मिलता है. कभी खिचड़ी, कभी दाल चावल और कभी बिरयानी भी मिलती है.

तो हम ने परवेज़ साहब से पूछा कि अगर बिरयानी पकी हो तो क्या लोगों को ज़्यादा कीमत अदा करना पड़ती है? उन्होंने हंस कर जवाब दिया चाहे खिचड़ी हो या चिकन बिरयानी पांच रुपए प्रति व्यक्ति अदा करने पड़ते हैं न कम न ज़्यादा.

जब आएगी ईद

पिछले वर्ष भी उम्मीद फ़ूड हाऊस पर तकरीबन 2000 लीटर का शिर खुरमा तैयार किया गया था. इस बार भी लोगों ने पूछना शुरू किया कि क्या इस बार भी ईद पर शिर खुरमा मिलेगा?

परवेज़ साहब ने बताया कि हम ज़्यादा से ज़्यादा शिर खुरमा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. बहुत से हमारे साथी आगे आ कर सहायता और अपना सहयोग दे रहे हैं. इसी लिए यह काम बिना रुके जारी है. हर महीने डेढ़ से दो लाख रुपए तक खर्च होता है जो विभिन्न लोगों की सहायता और योगदान से ही संभव हो पाया है.