नई दिल्ली. अखिल भारतीय सूफी सज्जादनशीं परिषद के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने लाहौर में महाराज रणजीत सिंह की प्रतिमा को क्षत-विक्षत करने के कृत्य की घोर निंदा करते हुए इसे गैर इस्लामिक करार दिया है.
अजमेर दरगाह के सज्जादनशीं सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने अपने एक ट्वीट में कहा, “अखिल भारतीय सूफी सज्जादनशीं परिषद पाकिस्तान में किए गए गैर-इस्लामिक कृत्य की कड़ी निंदा करती है. हमारे सिख भाइयों के एक धार्मिक नेता की मूर्ति की बेअदबी और क्षति ने वास्तव में इस्लाम की मूल शिक्षाओं को नुकसान पहुंचाया है. हम पाकिस्तानी सरकार से तत्काल मांग करते हैं कि मूर्ति की बहाली की जाए और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए.”
गौरतलब है कि मंगलवार को पाकिस्तान के लाहौर में एक कट्टरपंथी ने सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति की तोड़फोड़ की निंदा की, उन्होंने पाकिस्तान सहित संयुक्त पंजाब पर 40 वर्षों तक शासन किया था.
यह घटना हाल के वर्षों में तीसरी बार हुई है. दिसंबर 2020 में भी सिख शासक की प्रतिमा को भी तोड़ा गया था.
पूर्व शासक की 180वीं पुण्यतिथि को चिह्नित करने के लिए 27 जून, 2019 को लाहौर किले में ठंडे कांस्य से बनी इस नौ फुट लंबी प्रतिमा का अनावरण किया गया था.
लाहौर पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और उसके कब्जे से एक हथौड़ा जब्त किया गया है.
दिल्ली सिख निकाय के प्रमुख ने भी कहा कि पाकिस्तान के कट्टरपंथियों ने महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़कर एक बार फिर सिख भावनाओं को आहत किया है.
All India Sufi Sajjadanashin Council strongly condemns the un Islamic act done in Pakistan.The sacrilege & damage caused to the statue of a religious leader of our Sikh brothers have actually inflicted damage to the root teachings of Islam. https://t.co/wn6nxgrnu2
— Syed Naseruddin Chishty (@ChairmanAISSC) August 17, 2021