सहारनपुर
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ‘फेमस मेडिकेयर’ अस्पताल के चिकित्सक डॉ. बाबर ने बुधवार को यह स्पष्ट किया कि उन्हें उनके सहयोगी डॉ. आदिल अहमद की गिरफ्तारी के बाद हिरासत में नहीं लिया गया है। आदिल पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने का आरोप है।
डॉ. बाबर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मैं अस्पताल में मौजूद हूँ और किसी भी जांच एजेंसी से मिलने के लिए तैयार हूँ। मैं पूरी तरह जांच में सहयोग कर रहा हूँ। लोगों को झूठी अफवाहें नहीं फैलानी चाहिए।”
उन्होंने बताया कि वह पिछले तीन वर्षों से अस्पताल में कार्यरत हैं, जबकि डॉ. आदिल मार्च 2025 में यहाँ आए थे। “मैं उनसे अस्पताल में आने के बाद ही मिला। उससे पहले मेरा उनसे कोई परिचय नहीं था। उनका व्यवहार विनम्र और पेशेवर था। न मरीजों और न ही अस्पताल के कर्मचारियों ने कभी उनके खिलाफ कोई शिकायत की,” डॉ. बाबर ने कहा।
आदिल की कथित आतंकी गतिविधियों पर निराशा जताते हुए डॉ. बाबर ने कहा, “यह दुखद है कि इतने पढ़े-लिखे लोग इस तरह की शर्मनाक हरकतों में संलिप्त हो जाते हैं।”
आदिल की शादी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने बताया, “अस्पताल से हम चार लोग उसकी शादी में गए थे। हम एक साथी डॉक्टर के तौर पर शामिल हुए थे, किसी आतंकवादी की शादी में नहीं।” उन्होंने यह भी बताया कि आदिल ने अपनी शादी की खरीदारी सहारनपुर में की थी और कई बार सामान अस्पताल लाया था।
डॉ. बाबर ने कहा कि आदिल की पत्नी भी एमडी डॉक्टर हैं और आदिल अपने पेशे में बेहद सक्षम थे। “उनका निदान और उपचार उत्कृष्ट था, और मरीज हमेशा संतुष्ट होकर लौटते थे,” उन्होंने बताया।
आदिल से उनकी आखिरी मुलाकात उसी दिन हुई जब उसे गिरफ्तार किया गया। डॉ. बाबर ने कहा, “उसने मुझे पहले ही बताया था कि उसकी मां की तबियत ठीक नहीं है और वह कुछ दिनों के लिए घर जा सकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आदिल कभी लैपटॉप का इस्तेमाल नहीं करता था और अस्पताल में ही कभी-कभार फोन पर बात करते देखा गया। “मैं उसके घर और नर्सिंग होम गया, लेकिन उसके काम या जीवनशैली में ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे लगे कि वह राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो सकता है।”
उत्तर प्रदेश एसटीएफ और अन्य जांच एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की है। डॉ. बाबर ने कहा, “मैं किसी भी एजेंसी के साथ सहयोग करने को तैयार हूँ।”
डॉ. आदिल अहमद को 7 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने स्थानीय पुलिस और विशेष अभियान समूह (एसओजी) की मदद से गिरफ्तार किया था। जांचकर्ताओं ने 11 नवंबर को सहारनपुर में उसकी गतिविधियों का पता लगाया, जहां वह पिछले छह महीनों से फेमस अस्पताल में काम कर रहा था।
आदिल अंबाला रोड स्थित बापू विहार कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहा था। स्थानीय लोगों के अनुसार, वह शांत स्वभाव का था, लेकिन अक्सर देर रात मेहमान आते थे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 28 अक्टूबर को श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद समर्थक पोस्टरों के मामले में आदिल को फेमस अस्पताल से हिरासत में लिया और ट्रांजिट रिमांड पर श्रीनगर पुलिस को सौंप दिया। गिरफ्तारी के बाद अस्पताल ने उसकी सेवाएँ समाप्त कर दी।
अस्पताल प्रबंधक डॉ. मनोज मिश्रा ने बताया कि आदिल हमेशा विनम्र और पेशेवर रहा और कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी।
दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम को हुए विस्फोट में 12 लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हुए। यह घटना हरियाणा के फरीदाबाद में “सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल” के खुलासे के कुछ दिनों बाद हुई थी, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद का कथित संबंध था।
इस मामले में फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े तीन चिकित्सकों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया और छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए।