आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्रीय सूचना और प्रसारण और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने मंगलवार को कहा कि तमिलनाडु में राजनीति के कारण, वह हिंदी नहीं सीख पाए, और जो भी हिंदी उन्होंने सीखी, वह दिल्ली आने के बाद सीखी।
उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी सीखना उनका अधिकार है।
काशी तमिल संगमम 4.0 के उद्घाटन समारोह में मुरुगन ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में (केंद्रीय शिक्षा मंत्री) धर्मेंद्र प्रधान जी नई शिक्षा नीति लाए। लेकिन, हमारे तमिलनाडु में राजनीति के कारण, मैं हिंदी नहीं सीख पाया। मैंने जो भी हिंदी सीखी, वह दिल्ली आने के बाद सीखी। मेरी हिंदी टूटी-फूटी है, और अगर कोई गलती हो तो कृपया मुझे माफ़ करें।”
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वह इस मंच से राजनीति के बारे में नहीं बोलेंगे।
मुरुगन ने कहा, “लेकिन, मुझे हिंदी सीखने का मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है? मैं हिंदी सीखूंगा, यह मेरा अधिकार है। लेकिन, वहां कोई मौके नहीं हैं (जाहिर तौर पर तमिलनाडु का जिक्र करते हुए)।”
नई शिक्षा नीति में सुझाया गया तीन-भाषा का फ़ॉर्मूला विवादों में रहा है, क्योंकि तमिलनाडु ने केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए इसे लागू करने से मना कर दिया है।
केंद्र ने हालांकि, तमिलनाडु के आरोप को गलत बताया है।
मंगलवार को शुरू हुआ काशी-तमिल संगमम (केटीएस 4.0) का चौथा संस्करण एक प्रमुख सांस्कृतिक और शैक्षणिक समागम है।
इसे उत्तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ रेल, संस्कृति, पर्यटन, वस्त्र और युवा मामले एवं खेल सहित दस केंद्रीय मंत्रालयों की भागीदारी से शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
इस संस्करण के लिए आईआईटी मद्रास और बीएचयू नॉलेज पार्टनर के रूप में काम कर रहे हैं।
काशी-तमिल संगमम का 2025 संस्करण “तमिल कऱ्कलम विषय पर केंद्रित होगा, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में तमिल भाषा सीखने को बढ़ावा देना और देश की शास्त्रीय भाषाई तथा साहित्यिक विरासत के प्रति सराहना को गहरा करना है।
तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि, जिनमें छात्र, शिक्षक, लेखक और मीडिया पेशेवर, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से जुड़े लोग, पेशेवर और कारीगर, महिलाएं, तथा आध्यात्मिक विद्वान आदि शामिल हैं, वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या में आठ दिवसीय एक दौरे में भाग लेंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज काशी-तमिल संगमम (केटीएस 4.0) के चौथे संस्करण का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।
यह आयोजन काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने संबंधों के एक नए उत्सव का प्रतीक है, जो गहन शिक्षा, तीर्थयात्रा, और कलात्मक तथा अकादमिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।
एक बयान के अनुसार, वाराणसी के नमो घाट पर मंगलवार से शुरू हुए ‘काशी तमिल संगमम 4.0’ में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इकाई केंद्रीय संचार ब्यूरो (लखनऊ) द्वारा काशी एवं तमिलनाडु की महान विभूतियों के जीवन दर्शन और केंद्र सरकार द्वारा जन कल्याण के लिए किये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई है।