मुसलमानों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व के विचार से सहमत नही हूंः महमूद मदनी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 30-05-2022
मुसलमानों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व के विचार से सहमत नही हूंः महमूद मदनी
मुसलमानों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व के विचार से सहमत नही हूंः महमूद मदनी

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली

जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने सोमवार को कहा कि वह भारत में मुसलमानों के लिए अलग राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से सहमत नहीं हैं.

इंडिया टीवी संवाद में बोलते हुए, मदनी ने कहा, ‘‘सोचा था कि मुसलमानों को एक अलग राजनीतिक ताकत बन जाना चाहिए ... यह विचार देश के लिए सही नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं ओवैसी के विचारों के खिलाफ हूं.’’

इस साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले, एआईएमआईएम अध्यक्ष ओवैसी ने कहा था कि राज्य में मुस्लिम समुदाय को एक आवाज और राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करने की आवश्यकता है. ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय से चुनाव से पहले मतदान के अधिकार का विवेकपूर्ण उपयोग करने को कहा, ‘‘यदि आपको अपने सभी मुद्दों को हल करने और अन्याय को समाप्त करने की आवश्यकता है, तो आपको अपना नेतृत्व बनाने की आवश्यकता है.’’ लोकसभा सदस्य ने मुसलमानों से ‘राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता’ से दूर रहने के लिए भी कहा कि इसने समुदाय के सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों को नौकरियों और शिक्षा में कोटा हासिल करने में मदद नहीं की है.

मौलाना मदनी ने कहा कि ज्ञानवापी मामले का फैसला कोर्ट को करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक मंचों पर बोलना सही नहीं है और ऐसे मामलों को अदालत पर छोड़ देना चाहिए.

धर्म परिवर्तन बल से नहीं

मौलाना मदनी ने कहा कि धर्म परिवर्तन जबरदस्ती नहीं हो. अगर दूसरा गलत रास्ते पर है, तो मुझे दूसरे को सूचित करने का अधिकार है. लेकिन मैं उस व्यक्ति को मजबूर नहीं कर सकता.

मदरसों को अनुदान

मौलाना मदनी ने कहा कि वह मदरसों के लिए अनुदान रोकने के योगी सरकार के फैसले का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि मदरसों को सरकार से फंड की जरूरत क्यों है? सरकार को स्कूलों का निर्माण करना चाहिए.

मौलाना मदनी ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए लाउडस्पीकर की आवाज को नियंत्रण में रखना... ‘‘इसमें गलत क्या है?’’ जब सरकार सबके लिए कानून बनाती है और उसे लागू करती है, तो कोई बात नहीं. लेकिन किसी खास समुदाय को निशाना बनाना गलत है.’’