हैदराबाद. हैदराबाद आतंकी साजिश साजिश मामले में एक स्थानीय अदालत ने तीन आरोपियों अब्दुल जाहिद, मोहम्मद सामी और माज हसन फारूक को पुलिस को पांच दिन की हिरासत में दे दिया. उन्हें हैदराबाद पुलिस ने 2 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.
मलकपेट के रहने वाले अब्दुल जाहिद ने कथित तौर पर अपने पाकिस्तानी आईएसआई ं के साथ अपने संपर्कों को फिर से पुनर्जीवित किया है. हैदराबाद पुलिस ने कहा कि तीनों आरोपियों ने आम जनता को आतंकित करने के लिए शहर में विस्फोटों और लोन वुल्फ हमलों सहित आतंकी कृत्यों की साजिश रचने की साजिश रची.
जाहिद को कथित तौर पर चार हथगोले की एक खेप मिली थी, जिसके साथ वह कथित तौर पर हैदराबाद में आतंकवादी हमले करने की योजना बना रहा था. तीन फरार आरोपी फरहतुल्ला गोरी उर्फ एफजी, सिद्दीकी बिन उस्मान उर्फ रफीक उर्फ अबू हमजाला और हैदराबाद के रहने वाले अब्दुल मजीद उर्फ छोटू के भी मामले में शामिल होने की आशंका है.
तीन अन्य भी फरार आतंकी मामलों में वांछित हैं. माना जाता है कि वे पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई के तत्वावधान में काम करते हुए पाकिस्तान में बस गए हैं. अतीत में, उन्होंने स्थानीय युवाओं को भर्ती किया और 2002 में साईंबाबा मंदिर दिलसुखनगर के पास विस्फोट, और 2005 में बेगमपेट में हैदराबाद पुलिस के टास्क फोर्स कार्यालय पर आत्मघाती हमले जैसे आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए उन्हें कट्टरपंथी बनाया.
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने 2004 में सिकंदराबाद के गणेश मंदिर के पास विस्फोट करने का भी प्रयास किया था. अब्दुल जाहिद ने अपने कबूलनामे में कथित तौर पर खुलासा किया कि फरहतुल्ला गोरी, अबू हमजाला और मजीद उसके संपर्क में आए, उसे सहयोगियों की भर्ती करने और हैदराबाद में फिर से आतंकी हमले करने के लिए प्रेरित किया और वित्तपोषित किया. पाकिस्तान स्थित आकाओं के कहने पर जाहिद ने इस उद्देश्य के लिए समीउद्दीन और माज हसन को भर्ती किया.