काबुल के आश्रय स्थल से सैकड़ों महिलाएं हुईं लापता

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 17-08-2021
काबुल में अफगान महिलाएं
काबुल में अफगान महिलाएं

 

नई दिल्ली. दिल्ली निवासी एक अफगान नागरिक नावेद (बदला हुआ नाम) ने दावा किया कि अफगान सैनिकों और तालिबानियों के बीच युद्ध से बचने के लिए सैकड़ों महिलाएं अपने गांवों से भागकर काबुल आ गई थीं और राजधानी काबुल के शहर-ए-नवा पार्क में शरण ली थीं, वे लापता हो गई हैं.

अफगानिस्तान के कई प्रांतों के हजारों नागरिक उन लड़ाइयों से बचने के लिए अपने गांव भाग गए, जिन्होंने अपने कस्बों और गांवों को छोड़ दिया था और शहर-ए-नव पार्क में शरण ली थी.

नावेद ने बताया, “मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कह रहा हूं कि शहर-ए-नवा पार्क में शरण लेने वाली सैकड़ों महिलाएं लापता हैं. परिजन पिछले कई दिनों से उनकी तलाश कर रहे हैं, लेकिन वे नहीं मिले. यह अफगानिस्तान की स्थिति सही है.”

नावेद ने कहा कि उसने लगभग आठ साल पहले अपना देश छोड़ दिया था, लेकिन उसके पास अभी भी अफगानिस्तान में सूचना के अच्छे स्रोत हैं, क्योंकि वह एक निजी अमेरिकी सुरक्षा फर्म से जुड़ा था, जो स्थानीय नागरिकों की ‘सूचना देने’ के लिए अच्छा स्रोत है.

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों के लिए बमबारी, गोलाबारी और हवाई हमले कोई नई बात नहीं थी, क्योंकि उन्हें बचपन से ही इसकी आदत हो गई थी, लेकिन उन्होंने कल्पना नहीं की थी कि उन्हें देश छोड़ना होगा.

उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान में युवाओं की जान हमेशा जोखिम में रहती है, खासकर युवा महिलाओं की. तालिबान आतंकवादी घरों में घुस जाते हैं, और वे युवतियों को जबरदस्ती ले जाते हैं. यह पिछले कई सालों से हो रहा है लेकिन सरकार चुप रही.”

“अगर शहर-ए-नव पार्क से सैकड़ों युवतियां अचानक गायब हो गईं तो किसे जिम्मेदार ठहराया जाए?” उसने सवाल किया.

उन्होंने कहा कि अगर आज तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है और लोगों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है, तो राष्ट्रपति अशरफ गनी को इसके लिए ‘सबसे ज्यादा जिम्मेदार’ ठहराया जाना चाहिए. ष्यह रातोंरात नहीं आया है. उन्होंने एक के बाद एक प्रांतों पर कब्जा कर लिया और अफगान सरकार ने कुछ नहीं किया.

 

उन्होंने कहा कि अकेले कुंदुज में 50,000से अधिक लोग, जिनमें से आधे से अधिक बच्चे हैं, अपने घरों से भाग गए हैं.

तालिबान के साथ संयुक्त सरकार बनने पर क्या होगा, इस पर जवाब देते हुए, उन्होंने कहा, “देखिए, सभी युवा अगर अफगानिस्तान को अच्छी तरह से पता है कि उनका भविष्य बर्बाद हो गया है. अमेरिका और भारत द्वारा विकास के लिए समर्थन शुरू करने के बाद हमें उम्मीद थी, लेकिन चीजें बदल गई हैं. अब, अगर हमारे अपने राष्ट्रपति देश को तालिबान को सौंपते हुए भाग गए, तो अब हम और क्या उम्मीद कर सकते हैं. हम अब निराश हैं. हमारा पूरा जीवन शरणार्थी के रूप में गुजरेगा.”