राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में कितनी शिकायतें पहुंची? जानें राज्य अनुसार आंकड़े..

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 01-10-2021
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग

 

नई दिल्ली. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में बीते साल देशभर से कुल 1670 शिकायतें दर्ज कराई गईं, आयोग की सालाना रिपोर्ट में इन आंकड़ों का जिक्र किया गया है.

 
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सालाना रिपोर्ट में 1 अप्रैल 2019 से 31 मॉर्च 2020 तक के बारे में जानकारी दी गई है. इसमें देशभर से आयोग को कितनी शिकायतें मिलीं, किन राज्यों से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुईं और किन मामलों पर ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, इसपर जानकारी दी गई है.
 
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर से कुल 1670 शिकायतें प्राप्त हुईं, इनमें से 816 शिकायत अकेले उत्तरप्रदेश से प्राप्त हुईं, वहीं दिल्ली से कुल 146 शिकायतें आयोग को मिलीं.
 
इसके अलावा महाराष्ट्र से 89, हरियाणा से 64, उत्तराखंड से 57, मध्यप्रदेश से 52 और केरल से 43 और असम - बिहार से 24 और 27 शिकायतें आयोग में दर्ज हुईं.
 
हालांकि त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, लक्षद्वीप, गोवा और अंडमान- निकोबार इन सभी राज्यों से सिर्फ एक - एक शिकायत आयोग को प्राप्त हुईं.
 
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को मिली 1670 शिकायतें विभिन्न प्रकार की है, जिनमें कानून व्यवस्था से जुड़े मामले भी शामिल है तो वहीं आर्थिक मामले व धार्मिक अधिकार मामले भी जुड़े हुए हैं.
 
हालांकि यह जानकर हैरानी होगी कि कुल मामलों में से अधिकतर मामले कानून - व्यवस्था से जुड़े हुए हैं, जिनकी कुल संख्या 1019 हैं। इनमें अकेले 615 मामले अकेले उत्तरप्रदेश राज्य से ही जुड़े हैं.
 
यदी हम इस बात का जिक्र करें कि अल्पसंखयकों में किस वर्ग के लोगों ने कितनी शिकायतें आयोग में दर्ज कराई हैं, तो आंकड़े ज्यादा हैरान करने वाले नहीं हैं.
 
आयोग को मिली कुल 1670 शिकायतों में से 1232 शिकायत अकेले मुस्लिम समुदाय द्वारा आयोग में की गई हैं। इसके बाद 129 शिकायत ईसाई समुदाय से तो 106 शिकायतें सिख समुदाय से दर्ज हुई हैं.
 
अकेले उत्तरप्रदेश में ही 728 शिकायतें मुस्लिम समुदाय की ओर से आयोग को दी गई हैं.
 
वहीं राजधानी दिल्ली से मुस्लिम समुदायों की ओर से 101 शिकायतें प्राप्त हुइर्ं, इनमें से कुल 86 मामले कानून व्यवस्था से जुड़े हैं. हालांकि दिल्ली में हुए दंगों के कारण भी यह आंकड़ा इतना हो सकता है.
 
इसके अलावा बौद्ध 43, पारसी 5, 51 जैन समुदाय और 104 शिकायतें अन्य समुदाय से आयोग को प्राप्त हुई.