हिजबुल आतंकी की पत्नी बोली पाक आतंकी ‘इस्लाम के नाम पर’ कश्मीरियों को गुमराह कर रहे

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 30-12-2021
रजिया बीबी
रजिया बीबी

 

श्रीनगर. मारे गए हिजबुल आतंकवादी की पत्नी रजिया बीबी ने कहा है कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘इस्लाम के नाम पर कश्मीर के युवाओं को गुमराह करते हैं और परिवारों और बच्चों के जीवन को अंधेरे में धकेल देते हैं.

रजिया बीबी का जन्म जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा क्षेत्र में हुआ था और उन्हें कम उम्र में ही पाकिस्तान ले जाया गया था. वहां उसकी शादी हिजबुल मुजाहिदीन के एक आतंकी से हुई थी. हालांकि, उनकी शादी अल्पकालिक थी, क्योंकि 2018 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में उनके पति की हत्या कर दी गई थी. रजिया बीबी हाल ही में अपने बच्चों के साथ भारत वापस आईं और कहा कि देश लौटना ‘उनके द्वारा लिया गया सबसे अच्छा निर्णय’ है.

उन्होंने कहा, ‘मेरे पति की मृत्यु के बाद, उन्होंने (हिजबुल मुजाहिदीन) एक साल के लिए पैसे दिए, लेकिन बाद में रुक गए. मेरे लिए घर चलाना मुश्किल था. मैंने कुछ पैसे कमाने के लिए दूसरों के लिए घर का काम करना शुरू कर दिया. कुछ दिनों के बाद हमारे पास खाना तक नहीं था. यह हमारे लिए बहुत कठिन समय था. मैं अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचकर रात को सो नहीं पाती थी. मैं कहना चाहूंगी कि कोई भी उस दौर से न गुजरे, जिससे मेरा परिवार गुजरा है.’

उन्होंने बताया, ‘कुछ महीनों के लिए पैसे नहीं होने के कारण, मैंने पाकिस्तान छोड़ने और भारत लौटने का फैसला किया. दोस्तों की मदद से, मैंने पासपोर्ट बनाया और नेपाल सीमा के माध्यम से भारत आई. हमने न्यू इस्लामाबाद से कतर और फिर कतर से काठमांडू के लिए उड़ान लीं. काठमांडू से, हम दिल्ली और फिर श्रीनगर पहुंचे. श्रीनगर पहुंचने पर, मैंने अपने पिता को फोन किया.’

रजिया बीबी ने कहा कि उन्हें पूछताछ के लिए कश्मीर के पुलिस थाने में चार दिन रहना पड़ा.

उन्होंने बताया ‘शुरुआत में, मैं बहुत डरी हुई थी और सोच रही थी कि हमारा क्या होगा. हालांकि, पुलिस कर्मियों ने मेरा और मेरे बच्चों का ख्याल रखा. उन्होंने हमें यह महसूस नहीं होने दिया कि हम एक पुलिस स्टेशन में हैं. भारतीय सेना के जवानों का व्यवहार वह भी बहुत अच्छा था. मुझे खुशी है कि मैं भारत वापस आ गई.’

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन इस्लाम के नाम पर युवाओं को गुमराह करते हैं और उन्हें आतंकवाद की ओर धकेलते हैं.’ उन्होंने कहा कि वे रंगरूटों से झूठे वादे करते हैं और उनकी मृत्यु के बाद परिवारों को छोड़ देते हैं.

रजिया बीबी ने कहा, ‘वे (पाकिस्तान) खुद की देखभाल नहीं कर सकते, वे भारत के लोगों की देखभाल कैसे कर पाएंगे. उन्होंने मेरे पति को मरने के लिए भेजा. वे अपने परिवारों को बताए बिना लोगों को भर्ती करते हैं. कभी-कभी वे कहते हैं कि पुरुष तीन-चार दिनों में लौट आएंगे, लेकिन वे कभी वापस नहीं लौटते. वे इस्लाम के नाम पर कश्मीर के युवाओं को गुमराह करते हैं. मैं लोगों से बंदूक नहीं उठाने का आग्रह करती हूं. मैं हिजबुल मुजाहिदीन से कहना चाहूंगी, परिवारों को नष्ट मत करो.’

उसने कहा कि उन्होंने भारत लौटने का साहसी निर्णय लिया, लेकिन पाकिस्तान में कई युवा महिलाएं और बच्चे हैं, जो हताशा में जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों के इन परिवारों के पास खाना, कपड़ा या दवा नहीं है.

रजिया बीबी ने कहा, ‘आतंकवादी संगठनों के आका आराम से रहते हैं और रंगरूटों को मरने के लिए भेजते हैं. मेरे पति ने अपने बच्चों को अनाथ के रूप में छोड़कर अपनी जान गंवा दी. युवा इन आकाओं से गुमराह हो जाते हैं और परिवारों और बच्चों को किनारे पर छोड़ देते हैं. मेरे लिए, मानवता सबसे बड़ी है. मेरा मानना है कि असली जिहाद परिवार और बच्चों के साथ रहना है.’