बेंगलुरु. हिंदू संगठनों ने बेंगलुरु के चामराजपेट इलाके के ईदगाह मैदान में स्वतंत्रता दिवस मनाने की अनुमति के लिए बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के लिए 14 जून की समय सीमा तय की है. जमीन के मालिकाना हक को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं और हिंदू कार्यकर्ताओं में आमना-सामना हुआ है. मुसलमानों का दावा है कि जमीन वक्फ बोर्ड की है, जबकि हिंदुओं का दावा है कि जमीन किसी एक धर्म की संपत्ति नहीं है. बीबीएमपी ने स्पष्ट किया है कि यह जमीन का मालिक है और यह शहर के खेल के मैदानों में से एक है.
मैदान में योग दिवस और स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए हिंदू संगठनों ने आवेदन जमा किए हैं. उन्होंने केवल मुसलमानों को वहां नमाज और अन्य गतिविधियां करने की इजाजत देने पर भी आपत्ति जताई है.
विश्व सनातन परिषद के अध्यक्ष भास्कर ने कहा कि हिंदू कार्यकर्ताओं ने बीबीएमपी को स्वतंत्रता दिवस मनाने की अनुमति देने के लिए 14 जून की समय सीमा तय की है.
उन्होंने कहा कि अगर अनुमति नहीं दी गई तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. इस संबंध में सात जून को तहरीर दी गई है. हालांकि, नागरिक एजेंसी ने कोई जवाब नहीं दिया है.
इस बीच, बीबीएमपी कोई चांस नहीं ले रही है और ईदगाह मैदान के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू कर दिया है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि कैमरों की सिफारिश पुलिस विभाग ने की थी.
बीबीएमपी ने 12 पोल लगवाए हैं और रोशनी की व्यवस्था भी कर रही है. बदमाशों ने 3 पोल क्षतिग्रस्त कर दिए हैं और मैदान के आसपास पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
हिंदू संगठन इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें हिंदू त्योहार और राष्ट्रीय दिवस मनाने की अनुमति दी जानी चाहिए. वे बीबीएमपी से आग्रह कर रहे हैं कि अगर अनुमति नहीं दी जाती है, तो वहां भी नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.