हिजाब विवादः सौ से अधिक संगठनों ने हिजाब पर राजनीति का विरोध किया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 26-03-2022
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

 

अरविन्द कुमार/ नई दिल्ली

महिला अधिकारों से जुड़े सौ से अधिक संगठनों और 1500 से अधिक बुद्धिजीवियों ने कर्नाटक में एक कॉलेज में हिजाब पहनने से उठे विवाद की तीखी आलोचना  की है और कहा है किमुसलमानों को निशाना बनाकर  यह दक्षिण भारत मे साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की राजनीति है.

आल इंडिया प्रोग्रेसिव वूमन्स एसोसिएशन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि किसी व्यक्ति को अपनी मनपसंद पोशाक पहनना उसका संवैधानिक अधिकार और आज़ादी है. बयान पर आल इंडिया प्रोग्रेसिव वोमेन्स एसोसिएशन, नेशनल फेडेरेशन्स ऑफ इंडियन वूमेन नेशनल अलायन्स ऑफ पीपल मूवमेंट, सहेली, पीयूसीॉएल समेत 120 संगठनों के नाम हैं.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि सिखों और हिंदुओं को स्कूलों क्लास रूम और कॉलेज परिसर में पगड़ी और तिलक तथा बिंदी लगाकर आने की आज़ादी है उसी तरह एक मुस्लिम को भी हिजाब पहनकर कालेज में आने की स्वतंत्रता है. बयान में कहा गया है कि संविधान के अनुसार भारत एक बहुलतावादी संस्कृति वाला एक देश है, वहां किसी एक संस्कृति या वेशभूषा को थोपा नहीं जा सकता है.