हिजाब विवादः कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला थोड़ी देर में, देश भर की लगी निगाहें

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 15-03-2022
हिजाब विवादः कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला थोड़ी देर में, देश भर की लगी निगाहें
हिजाब विवादः कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला थोड़ी देर में, देश भर की लगी निगाहें

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
स्कूल-कॉलेज में मुस्लिम छात्राएं नकाब या बुर्का पहनकर शिक्षा ग्रहण कर सकती हैं अथवा नहीं आज यह तय होने जा रहा है. कर्नाटक हाई कोर्ट आज सुबह 10: 30 शिक्षा के क्षेत्र के लिए एक उल्लेखनीय निर्णय सुनाने जा रहा है. हालांकि हिजाब पर विवाद कर्नाटक से शुरू हुआ है, पर यह फैसला पूरे देश की शिक्षा की दिशा तय करेगी. वैसे फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के भी संकेत हैं.

कर्नाटक से हिजाब पर शुरू हुआ विवाद कोर्ट का निर्णय आने से पहले ही असर दिखने लगा है. कई प्रदेश के शिक्षा विभाग ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसला सुनाने से पहले ही स्कूल-काॅलेज में मुस्लिम लड़कियों के बुर्का, हिजाब पहनकर आने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
 
हिमाचल में जहां मुस्लिम आबादी बहुत थोड़ी है,वहां की सरकार ने भी मुस्लिम लड़कियों के शिक्षण संस्थान में बुर्का-हिजाब को प्रतिबंधित कर दिया है. इसी तरह की खबर अभी अलीगढ़ से आई है. वहां के एक कॉलेज प्रबंधन ने इसी तरह का निर्णय सुनाया है.
 
ऐसी शिकायतें दिल्ली और मध्य प्रदेश से भी हैं. चूंकि शिक्षा विभाग से इतर हिजाब-बुर्का पर भगवा ब्रिगेड ने विरोध में मोर्चा खोल रखा है, इसलिए हिजाब विवाद को आगे बढ़ाने में यह अहम रोल रहा. हिजाब के विरोध में कर्नाटक के कई स्कूल-काॅलेज में एक खास विचारधारा के छात्र भगवा शाल ओढ़कर आ गए. जिससे कई जगह मारपीट की नौबत आ गई.
 
कर्नाटक के जिस हायर सेकेंडरी स्कूल से यह विवाद शुरू हुआ, उसमें भगवा शाल का कोई उल्लेख नहीं था. मगर छात्रों के एक वर्ग के भगवा शाल में ओन से उसे भी कई स्कूल-कॉलेज में प्रतिबंधित कर दिया गया है.
बाद में यह मामला कर्नाटक हाई कोर्ट में चला गया.
 
आज साढ़े दस बजे आएगा फैसला

बहरहाल, कर्नाटक में लगभग चार महीने की उथल-पुथल और दो सप्ताह की अदालती सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय मंगलवार को राज्य में हिजाब विवाद पर अपना फैसला सुनाएगा. फैसले की सुनवाई मंगलवार सुबह 10ः30 बजे शुरू होगी.
 
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले पर फैसला सुरक्षित रखने का फैसला किया. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर अवस्थी की अध्यक्षता वाली पीठ न्यायमूर्ति कृष्णा दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी के साथ राज्य सरकार और महिला मुस्लिम याचिकाकर्ताओं के बीच मामले पर अपना फैसला सुनाएगी.
 
हिजाब विवाद की पृष्ठभूमि

कर्नाटक के उडुपी में एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के छात्रों के कॉलेज परिसर में उनके धार्मिक दायित्व के तहत हेडस्कार्फ (हिजाब) पहनने पर रोक लगाने के बाद से हिजाब विवाद शुरू हो गया. जनवरी से मामले ने उग्र रूप ले लिया. यह मुद्दा तब और तेज हो गया जब हिंदू छात्र भगवा स्कार्फ पहनकर अपने कॉलेज पहुंचे और हिजाबी मुसलमानों को सिर पर स्कार्फ पहनने की अनुमति दिए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया.
 
राज्य को इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए एक समिति बनाने के लिए मजबूर किया गया और छात्रों को हिजाब सहित किसी भी धार्मिक परिधान को पहनने से तब तक प्रतिबंधित कर दिया गया जब तक कि कोई निर्णय नहीं हो जाता.
 
हालांकि, राज्य भर में भगवा पहने छात्रों और मुसलमानों के कई विरोधों ने राज्य को कुछ दिनों के लिए स्कूल और कॉलेज बंद करने के लिए मजबूर किया.कर्नाटक उच्च न्यायालय उडुपी के एक पीयू कॉलेज के एक हिजाबी छात्रा  द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है, और लंबे समय से छात्राओं को कोई अस्थायी राहत नहीं दी है.
 
 बंद किए गए कूल-काॅलेज

शैक्षणिक संस्थानों को यह सुनिश्चित करने के लिए फिर से खोलने का निर्देश दिया गया था कि राज्य के उस फरमान का सख्ती से पालन किया जाए, जो किसी भी धार्मिक परिधान को संस्थानों में पहनने से रोकता है.चूंकि कर्नाटक के उच्च न्यायालय ने आज तक कोई अस्थायी राहत प्रदान नहीं की है, लड़कियों के समर्थन में पूरे देश और उसके बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
 
स्कूल-कॉलेज का बहिष्कार

कोर्ट द्वारा कोई राहत नहीं देने और हिजाब-बुर्का पहनकर स्कूल-काॅलेज जोने पर रोक लगा देने के बाद कर्नाटक की हिजाबी छात्रों ने एक तरह से पढ़ाई का बहिष्कार कर दिया है. यहां तक कि कई काॅलेज से छात्राओं के परीक्षा छोड़ने की भी खबरें आ चुकी हैं.
 
हिजाबी छात्राओं का कहना है कि यदि उन्हें राहत नहीं मिली तो वह पढ़ाई ही छोड़ देंगी. मुस्लिम संगठनों ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम छात्राओं को पढ़ाई से वंचित रखने की साजिश चल रही है, इसलिए ऐसी साजिश को नाकाम करने के लिए मुसलमाना अधिक से अधिक स्कूल-काॅलेज खोलें.
 
कुछ सर्वेक्षणों से पता चला है कि विवाद के चलते मुस्लिम छात्राओं का स्कूल-कॉलेज जाने का प्रतिशत बहुत कम हो गया है. अलीगढ़ में भी एक काॅलेज में हिजाब-बुर्का प्रतिबंधित किए जाने के बाद से हिजाबी छात्राएं कलास से दूर हैं.
 

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