हिजाब विवादः कोशिश कि मुस्लिम छात्राओं की बोर्ड परीक्षा न पड़े असर, सिद्धारमैया को जिम्मेदारी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 24-03-2022
हिजाब विवाद : मुस्लिम छात्राओं की बोर्ड परीक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए प्रयास तेज
हिजाब विवाद : मुस्लिम छात्राओं की बोर्ड परीक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए प्रयास तेज

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला आने और इस बारे में सुप्रीम कोर्ट का जल्द सुनवाई से इनकार के बाद सूबे के मुसलमानों ने बीच का रास्ता निकालने का प्रयास तेज कर दिया है. कोशिश है कि किसी तरह कर्नाटक सरकार की ओर से ड्रेस कोर्ड में शामिल दुपट्टे से छात्राओं को सिर ढकने की इजाजत मिल जाए. बीच का रास्ता निकालने की जिम्मेदारी कर्नाटक के मुसलमानों ने विपक्षी नेता सिद्दारमैया को सौंपी है.

इसके लिए बुधवार देर रात बेंगलुरु के दारुल उलूम सबील रसद में प्रदेश के मुस्लिम बुद्धिजीवियों एवं उलेमा की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस में विशेष तौर से कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के नेता सिद्दारमैया  को आमंत्रित किए गए थे.

हिजाब और बुर्का के बीच का रास्ता निकालने के लिए कर्नाटक के मुसलमानों का एक प्रतिनिधिमंडल एचडी कुमारास्वामी से भी मिल चुका है.इन प्रयासों के पीछे मंशा है कि मुस्लिम छात्राएं बिना किसी रूकावट बोर्ड परीक्षाएं दे सकें. कर्नाटक में 28 मार्च से बोर्ड की 10 वीं परीक्षा होने जा रही है. इसके तुरंत बाद 12 वीं का एग्जाम आयोजित किया जाएगा.

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कर्नाटक के मुस्लिम बुद्धिजीवी एवं उलेमा इस प्रयास में हैं कि कौम की जो बच्चियां हिजाब या बुर्का पहनती हैं. कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा इसपर रोक लगाने से कहीं वह परीक्षा देने से वंचित न रह जाएं. इसके लिए बीच का रास्ता निकाला जाए.

बता दें कि हिजाब-बुर्का, भगवा षाॅल ओढ़ कर क्लास में आने पर पाबंदी के बाद अभी अधिकांष हिजाबी छात्राओं ने क्लास का बहिश्कार कर रखा है. ऐसे में मुस्लिम बुद्धिजीवियों एवं उलेमा को लगाता है कि इस स्थिति मंे उनकी पढ़ाई को बड़ा नुक्सान होगा. यहां तक कि भविष्य चौपट हो सकता है. एक मुस्लिम बुद्धिजीवी का कहना है कि युवा का भविश्य खराब होगा तो इसका दुश्प्रभाव देष पर भी पड़ेगा.

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बुधवार देर रात बेंगलुरु के दारुल उलूम सबील रशद में हुई बैठक की अध्यक्षता कर्नाटक के अमीर शरीयत मौलाना सगीर अहमद रशदी ने की. इस दौरान विशेष अतिथि के तौर पर राज्य के विपक्षी नेता सिद्दारमैया मौजूद थे.

इस दौरान मुसलमानों की ओर से रमैया से अपील की गई कि वह इस मामले को सदन के पटल पर रखें तथा मध्यस्था कर सरकार से लड़कियों को स्कूल-काॅलेज में डुपट्टा या पल्लू सिर ढकने की अनुमति दिलाने का प्रयास करें.

मौलाना सगीर अहमद रशदी का कहना है कि दुपट्टा स्कूल-कॉलेज के ड्रेस कोर्ड में शामिल है. सरकार को केवल दुपट्टे को कंधे की जगह सिर पर रखने की इजाजत देनी है. इससे कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेष का उल्लंघन भी नहीं होगा और हिजाब पहनने वाली लड़कियों का बहुत हद तक मसला भी हल हो जाएगा. साथ ही मुसलमानों को सुप्रीम कोर्ट के आदेष का भी इंतजार है.