जमीयत उलेमा-ए-हिंद की मददः कोर्ट ने आतंक के दो आरोपी किए बरी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 11-06-2022
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की मददः कोर्ट ने आतंक के दो आरोपी किए बरी
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की मददः कोर्ट ने आतंक के दो आरोपी किए बरी

 

आवाज-द वॉयस / नई दिल्ली

दिल्ली की एक विशेष एनआईए अदालत ने चार आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करते हुए आतंकवाद के आरोप में आरोपी मुहम्मद गुल नवाज और अब्दुल समद को बरी कर दिया और मुकदमा शुरू करने का आदेश दिया.

विशेष एनआई कोर्ट के न्यायाधीश परवीन सिंह ने अपने फैसले में बचाव पक्ष के वकील एडवोकेट आरिफ अली और एडवोकेट मुजाहिद अहमद की दलीलों से सहमति जताई और कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ अदालत में कोई सबूत पेश नहीं कर सका, जिसके आलोक में आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाया गया.

गौरतलब है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के निर्देश पर आरोपियों को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कानूनी मदद मुहैया कराई थी.

आरोपियों पर प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य होने का आरोप लगाया गया था और सऊदी अरब में रहते हुए उन्होंने हवाला फंड भारत भेजा था ताकि इसका इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों में किया जा सके.

आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 17, 18, 18बी, 19, 20, 21, 38, 39 और 40 के तहत आरोप लगाए गए थे.

संदिग्ध पिछले पांच साल से जेल में हैं, पहले उन्हें एक साल के लिए सऊदी अरब में पुलिस हिरासत में रखा गया और फिर 2018 में भारत भेज दिया गया.

अदालत ने आज अपने मौखिक फैसले में आरोपी को मामले से बरी करने का आदेश दिया. विस्तृत फैसला आने के बाद ही पता चलेगा कि अदालत ने बाकी आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए कौन से सबूत स्वीकार किए हैं.