औरंगाबाद. पाकिस्तान के विभिन्न जेलों में 18वर्षों तक अवैध तरीके से रखी गईं 65वर्षीय भारतीय बुजुर्ग महिला हसीना बेगम वहां से लौटने के 14दिनों बाद ही चल बसी. लंबी कैद काट कर उक्त महिला जब अपने घर औरंगाबाद लौटी थीं तब पूरे इलाके में जश्न का माहौल था. अब सभी गमगीन हैं.
उनकी मृत्यु मंगलवार की शाम हो गई. बुजुर्ग हसीना बेगम 26जनवरी को पाकिस्तान की जेलों में 18वर्ष की कैद काट कर अपने पैतृक शहर औरंगाबाद लौटी थीं.
उनके औरंगाबाद रेलवे स्टेशन पर पास के थाने के इंस्पेक्टर ने भी उन्हें गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया था. घर पहुंचने पर परिजनों की आंखें छलक पड़ी थीं. साथ ही, सभी के चेहरे पर एक सवाल तैर रहा था कि आखिर उनका कसूर किया था कि अकाराण पाकिस्तानी के अगल-अलग जेलों में अमानवीय जीवन बिताना पड़ा.
परिजन बताते हैं कि हसीना बेगम 18वर्ष पहले पाकिस्तान गई थीं. वहां उन्हंें एक ऐसे अपराध में जेल में डाल दिया गया, जो उन्हांेने नहीं किया था. बुजुर्ग महिला ने पाकिस्तान से लौटने पर कहा था- ”मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती, अपने भारत आकर कितनी खुश हूँ.’’
अपनी वापसी पर, उन्होंने शिकायती लहजों में कहा कि उनकी कोई गलती नहीं थी. फिर भी उन्होंने सालों तक पाकिस्तानी जेलों में रखा गया. इस दौरान बहुत कठिनाइयां उठानी पड़ीं. अब ऐसा लगता है स्वर्ग में हूं. मुझे अपने देश लौटने पर शांति महसूस हो रही है. ‘‘ अलग, बात है कि वह आजादी के मात्र 14 दिन ही जीवित रह सकीं.