हरिद्वार. हरिद्वार की एक अदालत ने रविवार को धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. उन्हें हरिद्वार पुलिस ने शहर में एक धर्म संसद में भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
नगर कोतवाली पुलिस ने जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिम्हनंद महाराज को हरिद्वार के सर्वानंद घाट से गिरफ्तार किया, जहां वह उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर सर्बानंद घाट पर अनशन कर रहे थे, जिन्हें पहले इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था.
स्वामी यति नरसिम्हनन्द के खिलाफ हरिद्वार कोतवाली में कुल तीन मामले दर्ज हैं. उन पर महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने का भी मुकदमा चल रहा है.
गुरुवार को वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. यति नरसिंहानंद कथित तौर पर वसीम रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर सर्बानंद घाट पर अनशन कर रहे थे. शुक्रवार को घाट पर संतों द्वारा विरोध सभा भी बुलाई गई थी.
धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद ने 17 से 19 दिसंबर, 2021 तक हरिद्वार में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था. मामले में कई अन्य लोगों के साथ उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस को एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें कथित तौर पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले हरिद्वार धर्म संसद के भाषणों की स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी.