आदिवासियों के हैंड मेड इन इंडिया को भी प्रोत्साहित किया जाए : राष्ट्रपति कोविंद

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 07-03-2021
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

 

 

भोपाल. देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि मेड इन इंडिया के साथ-साथ हैंड मेड इन इंडिया को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. हस्तशिल्प के क्षेत्र में हमारे आदिवासी भाई-बहन अद्भुत कौशल के धनी हैं. प्रयास यह होना चाहिए कि उनके हस्तशिल्प के उत्पादों को अच्छी कीमत और व्यापक स्तर पर बाजार मिल सके. राष्ट्रपति कोविंद ने मध्य प्रदेश के दमोह जिले की ग्राम पंचायत सिंग्रामपुर में रविवार को सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण कार्य का शिलान्यास किया और राज्य स्तरीय जनजातीय सम्मेलन का शुभारंभ किया.

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सिंगौर परिक्षेत्र नेशनल ट्रायबल हब के रूप में विकसित किया जा सकता है. सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण के लिये किये जा रहे कार्यों से भविष्य में यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि महत्वपूर्ण होगा. इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “जनजातीय भाई-बहनों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. वे समाज को हमेशा एकता मूलक बनाने की दिशा में कार्य करते हैं. इनमें महिलाओं और पुरुषों के बीच भेद भाव नहीं होता है. इसलिये जनजातीय आबादी में स्त्री और पुरुष अनुपात सामान्य आबादी से बेहतर है. जनजातीय समुदाय में व्यक्ति के स्थान पर समूह को प्राथमिकता दी जाती है. प्रतिस्पर्धा की जगह सहयोग को प्रोत्साहित किया जाता है. उनकी जीवन शैली में प्रकृति को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है. आदिवासी जीवन में सहजता होती है और परिश्रम का सम्मान होता है.”

राष्ट्रपति ने कहा कि यदि आपको मानवता की जड़ों से जुड़ना है, तो जनजातीय समुदाय के जीवन मूल्यों को अपनी जीवन शैली में लाने का प्रयास करना होगा. जनजातीय समुदायों में परम्परागत ज्ञान का अक्षय भण्डार संचित है.

उन्होंने मध्यप्रदेश में एक विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा का उल्लेख करते हुए कहा, ष्इस समुदाय के लोग परंपरागत चिकित्सा के विषय में बहुत जानकारी रखते हैं. प्रायः वे असाध्य रोगों का अचूक इलाज भी करते हैं. परंपरागत आयुर्वेदिक औषधियों के प्रसंस्करण एवं निर्माण की योजनाओं में जनजातीय समुदाय की भागीदारी बहुत उपयोगी सिद्ध होगी. इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है.ष्

उन्होंने कहा, “महिला सशक्तिकरण योजना अनुसूचित जनजाति विकास के लिये विशेष योजना है. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा योजना के तहत रियायती दर पर वित्तीय सहायता दी जाती है. हमारी जनजातीय बहनों और बेटियों को ऐसी योजनाओं से मदद लेकर आगे बढ़ना चाहिए. हम सबको मिलकर यह प्रयास करना है कि हमारे जनजातीय भाईयों, बहनों को आधुनिक विकास में भागीदारी करने का लाभ मिले और साथ ही उनकी जनजातीय पहचान और अस्मिता भी अपने सहज रुप में बनी रहे.”

वहीं इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रानी दुर्गावती की गौरव गाथा कोई नहीं भूल सकता. उनके पराक्रम ने उनके विरोधियों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था.