नई दिल्ली. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार पर हिंदू विरोधी और मुस्लिम विरोधी नीतियों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है और सरकारी जमीन पर सरकार द्वारा वित्त पोषित हज हाउस बनाने के खिलाफ चेतावनी दी है.
विहिप के केंद्रीय संयुक्त महासचिव डॉ सुरिंदर जैन ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली सरकार ने मुसलमानों को चुप कराया है, आतंकवादियों की वकालत की है, हिंदू मूल्यों पर हमला किया है और उनके खिलाफ हिंदू समाज का खून-पसीना बहाया है. उनके खिलाफ अपनी कमाई खर्च करके रिकॉर्ड बननाया है. इन सबसे लगता है कि दिल्ली आतंकवाद के कगार पर है. विश्व हिंदू परिषद दिल्ली को जिहादियों और हिंदुओं विरोधी की राजधानी नहीं बनने देगी.
उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री नैतिकता और अन्य जिहादियों पर उदारतापूर्वक खर्च करते हैं, लेकिन अंकित सक्सेना, ध्रुव त्यागी, रिया गौतम, योगेश कुमार, डॉ. पंकज नारंग, अंकित गर्ग जिहादियों के शिकार होते हैं. बात जब राहुल राजपूत, रतन लाल और अंकित शर्मा की आती है, तो वे मुकर जाते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते मुख्यमंत्री मुस्तफाबाद में एक मुस्लिम डॉक्टर के घर जाते हैं और अनस मुजाहिद के परिवार को एक करोड़ रुपये देते हैं. क्या दिल्ली की जनता को नहीं पता कि उन्होंने डॉ. के. के. अग्रवाल जैसे दर्जनों कोरोना योद्धा हिंदू डॉक्टरों के लिए क्या किया है?
विहिप ने कहा कि बांग्लादेशी, रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठिए और जिहादी ठिकाने उन्हें हज हाउस के रूप में स्वीकार्य हैं, लेकिन तथाकथित हनुमान भक्तों को उनके देवता का मंदिर पसंद नहीं है. वे मुल्लाओं / मुअज्जिनों के वेतन में भी वृद्धि करते हैं, लेकिन वे संकट के समय में भी पुजारियों की मदद करने से कतराते हैं. उनके संरक्षण में राजधानी में सार्वजनिक स्थलों पर सैकड़ों अवैध मकबरे फल-फूल रहे हैं.
डॉ. जैन ने कहा कि दिल्ली में स्थानीय आरडब्ल्यूए, ग्राम पंचायतों और जनप्रतिनिधियों के कड़े विरोध और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए दिल्ली सरकार जिस तरह से सरकारी धन से सरकारी जमीन पर हज हाउस बनाने जा रही है. ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री मुस्लिम वोट बैंक के लालच में औरंगजेब का अवतार बनने का सपना देख रहे हैं.