औरंगजेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर की वीरता सिखाती है कि देश धार्मिक उग्रवाद से कैसे लड़ता हैः मोदी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 25-12-2021
नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

 

नई दिल्ली. भारत की स्वतंत्रता और राष्ट्र निर्माण में सिख समुदाय के योगदान को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि गुरु तेग बहादुर की वीरता और औरंगजेब के खिलाफ उनका बलिदान सिखाता है कि देश किस तरह आतंकवाद और धार्मिक अतिवाद से लड़ता है.

गुजरात के कच्छ में गुरुद्वारा लखपत साहिब में गुरुपर्व समारोह को वस्तुतः संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे गुरुओं का योगदान केवल समाज और आध्यात्मिकता तक ही सीमित नहीं है. यह सिख गुरुओं की महान तपस्या है, कि आस्था और हमारे राष्ट्र की अखंडता आज सुरक्षित है. गुरु नानक देव जी और हमारे विभिन्न गुरुओं ने न केवल भारत की चेतना को प्रज्वलित रखा, बल्कि भारत को सुरक्षित रखने का मार्ग भी बनाया.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘औरंगजेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर की वीरता हमें सिखाती है कि देश किस तरह से आतंकवाद और धार्मिक अतिवाद के खिलाफ लड़ता है. इसी तरह दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह साहिब का जीवन भी हर कदम पर तप और बलिदान का एक जीता जागता उदाहरण है. जिस तरह से देश ने उन्हें ‘हिंद की चादर’ की उपाधि दी, यह सिख परंपरा के प्रति प्रत्येक भारतीय के लगाव को दर्शाती है.’

अपनी अमेरिकी यात्रा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अमेरिका से एक पेशकब्जा (छोटी तलवार) सहित 150से अधिक ऐतिहासिक वस्तुओं को वापस लाई है, जिस पर गुरु हरगोबिंद जी का नाम फारसी में लिखा हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘अभी हाल ही में, हम सफलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से गुरु ग्रंथ साहिब को अफगानिस्तान से भारत लाए हैं. गुरु की कृपा का इससे बड़ा अनुभव क्या हो सकता है? गुरु नानक देव जी के संदेश को नई ऊर्जा के साथ दुनिया और पूरे देश में फैलाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए गए. दशकों से प्रतीक्षित करतारपुर साहिब कॉरिडोर, हमारी सरकार ने 2019में इसका निर्माण पूरा किया.’

पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के लिए यह हमेशा गर्व की बात रही है कि खालसा पंथ की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले चौथे गुरसिख भाई मोखम सिंह जी इसी राज्य के थे.

पीएम मोदी ने कहा, ‘कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक, पूरा देश एक साथ सपना देख रहा है, अपनी उपलब्धि के लिए एक साथ प्रयास कर रहा है. आज देश का मंत्र है - एक भारत, श्रेष्ठ भारत. आज देश का लक्ष्य है - एक नए का पुनरुद्धार सक्षम भारत. आज देश की नीति है- हर गरीब की सेवा, हर वंचित को प्राथमिकता.’

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को आज उनकी जयंती पर याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘अटल जी को कच्छ से विशेष लगाव था. अटल जी और उनकी सरकार भूकंप के बाद यहां किए गए विकास कार्यों में गुजरात के साथ खड़ी थी.’

हर साल 23दिसंबर से 25दिसंबर तक गुजरात की सिख संगत गुरुद्वारा लखपत साहिब में गुरु नानक देव जी का गुरुपर्व मनाती है.

अपनी यात्रा के दौरान गुरु नानक देव लखपत में रुके थे. गुरुद्वारा लखपत साहिब में उनके अवशेष हैं, जिनमें लकड़ी के जूते और पालकी (पालना) के साथ गुरुमुखी की पांडुलिपियां शामिल हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, 2001के भूकंप के दौरान गुरुद्वारा को नुकसान हुआ था.

पीएमओ ने कहा, ‘गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने नुकसान की मरम्मत सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रयास किए थे.’