अल्पसंख्यक मंत्रालय और वक्फ बोर्ड को खत्म करे सरकार: अखिल भारतीय संत समिति

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 07-10-2022
अल्पसंख्यक मंत्रालय और वक्फ बोर्ड को खत्म करे सरकार: अखिल भारतीय संत समिति
अल्पसंख्यक मंत्रालय और वक्फ बोर्ड को खत्म करे सरकार: अखिल भारतीय संत समिति

 

नई दिल्ली. अखिल भारतीय संत समिति की बैठक में देश के बड़े संतों ने एक सुर में सरकार से वर्तमान में कार्यरत अल्पसंख्यक मंत्रालय, वक्फ बोर्ड और फिल्म सेंसर बोर्ड को खत्म करने की मांग की है. दिल्ली में हुई अखिल भारतीय संत समिति की बैठक में काशी ज्ञानवापी और मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर सहित सनातन धर्म से जुड़े अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई. संत समाज ने 'आदिपुरुष' फिल्म को भारतीय संस्कार और परंपरा का विरोधी बताते हुए कहा कि इस फिल्म को स्वीकार नहीं किया जाएगा, या तो सरकार इस फिल्म पर रोक लगाए या वो इस फिल्म को देश में कहीं भी चलने नहीं देंगे.

आईएएनएस से बात करते हुए अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट लगातार भारत सरकार से यह पूछ रहा है कि इस देश में अल्पसंख्यक कौन है, भारत सरकार इसकी परिभाषा बताए ? भारत सरकार लगातार राज्यों को पत्र लिख रही है कि अल्पसंख्यक तय करके बताइए. इसलिए हमारा मानना है कि जहां अभी तक यह ही तय नहीं है कि अल्पसंख्यक कौन है तो वहां अल्पसंख्यक मंत्रालय की क्या जरूरत है.

वहीं आईएएनएस से बात करते हुए अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नवल किशोर दास ने कहा कि रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद इस देश में सबसे अधिक जमीन वक्फ बोर्ड  के पास है जिनका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा है, इसलिए संत समाज की सरकार से यह मांग है कि भारत सरकार अध्यादेश लाकर लीज पर दी गई जमीनों को वक्फ बोडरें से वापस ले] बल्कि हमारी तो यह मांग है कि वक्फ बोर्ड को ही हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहिए.

हनुमानगढ़ी, अयोध्या के महंत जगदीश दास ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि संतों की बैठक में फिल्म सेंसर बोर्ड की भूमिका को लेकर ऐतराज जताते हुए यह कहा गया कि हिंदू विरोधी फिल्मे बन रही है और फिल्म सेंसर बोर्ड लगातार इस तरह की फिल्मों को पारित भी कर रहा है. अगर सेंसर बोर्ड इस तरह के दृश्यों पर रोक नहीं लगा पा रहा है या इस तरह की फिल्मों को रोक नहीं पा रहा है तो फिर सेंसर बोर्ड की जरूरत ही क्या है? उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड को खत्म ही कर देना चाहिए.

सेंसर बोर्ड की भूमिका पर ऐतराज जाहिर करते हुए महंत नवल किशोर दास ने भी कहा कि इस तरह के सेंसर बोर्ड को पूरी तरह से खत्म कर एक सनातनी और भारतीय सेंसर बोर्ड का गठन करना चाहिए, जिसमें संस्कारवान लोगों को रखा जाना चाहिए.