आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
गोवा के ‘नाइट क्लब’ में आग लगने की घटना के पीड़ितों के रिश्तेदार और परिचित एक सरकारी अस्पताल के शवगृह के बाहर एकत्र होकर अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी मिलने का रविवार को बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
झारखंड के कुछ लोगों ने कहा कि वे शवों को स्वीकार नहीं करेंगे और उन्होंने मांग की कि नाइट क्लब मालिक शवों को घर वापस भेजे जाने की व्यवस्था करें।
उन्होंने बताया कि उनके मूल निवास के चार लोग उत्तरी गोवा के अरपोरा स्थित उस नाइट क्लब में सहायक और रसोइये के रूप में काम करते थे, जहां शनिवार आधी रात के बाद लगी भीषण आग में 25 लोगों की जान चली गई और छह अन्य घायल हो गए।
झारखंड के मजदूरों का एक समूह अपने परिजनों के बारे में जानकारी लेने के लिए सुबह से ही पणजी के पास गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) के शवगृह के बाहर बैठा है।
गोवा पुलिस के कर्मी ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइट क्लब में हुई इस घटना के बाद शवगृह में रखे शवों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें से कुछ शव जले हुए हैं।
पुलिस ने बताया कि 25 मृतकों में चार पर्यटक और 14 कर्मचारी शामिल हैं। शेष सात की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
अरपोरा स्थित एक प्रतिष्ठान में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने वाले झारखंड के नंदलाल नाग ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उनके गांव के चार लोगों के इस घटना में मारे जाने की आशंका है।