Goa assembly session from July 21: Congratulations to PM Modi and Army on the success of 'Operation Sindoor'
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
गोवा विधानसभा का 15 दिवसीय मानसून सत्र सोमवार, 21 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सशस्त्र बलों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर औपचारिक बधाई से होगी. विधानसभा की वेबसाइट पर प्रकाशित एजेंडा के अनुसार, सत्र के पहले दिन यह प्रस्ताव सदन में पेश किया जाएगा.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को इस वर्ष 7 मई को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था. उस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। सेना द्वारा इस ऑपरेशन में जवाबी कार्रवाई करते हुए कई आतंकियों को ढेर किया गया था, जिसे केंद्र सरकार और रक्षा विशेषज्ञों ने “रणनीतिक सफलता” करार दिया था.
विधानसभा में इस अवसर पर रोमन कैथोलिक चर्च के नव निर्वाचित पोप लियो चौदहवें को भी उनके चयन पर बधाई दी जाएगी। यह बधाई संदेश गोवा जैसे ईसाई बहुल राज्य के लिए सांकेतिक रूप से खास माना जा रहा है.
विधानसभा में सदन की शुरुआत दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के साथ होगी, जिसमें हाल ही में अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया जाएगा.
सत्र के दौरान विभिन्न विभागों की अनुदान मांगों (Demands for Grants) को पारित किया जाएगा, साथ ही कुछ विधेयकों पर चर्चा और उनके पारित होने की भी संभावना है.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गोवा प्रवक्ता कृष्णा दाजी सालकर ने कहा कि सरकार इस सत्र में कुछ जनहितकारी विधेयकों को पारित करने जा रही है. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में सरकार लोगों को बेहतर प्रशासन और योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.
हालांकि, विपक्ष ने सरकार को इस सत्र में घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ ने एक बयान में कहा, “हालांकि विधानसभा सत्र का समय सीमित रखा गया है, लेकिन मैं और मेरे जैसे कई विपक्षी विधायक सरकार की कार्यप्रणाली की गंभीर समीक्षा करेंगे और जरूरी सवाल उठाएंगे.”
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है और सरकार आयोजन करने और कमीशनखोरी में व्यस्त है। उन्होंने कहा, “राज्य में बेतहाशा चल रहे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स और भूमि के अंधाधुंध बदलाव के चलते अब गोवा की ‘कैरीइंग कैपेसिटी’ का मूल्यांकन जरूरी हो गया है, जिसे हम सदन में उठाएंगे.”
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विधायक विजय सरदेसाई ने भी बताया कि हाल ही में राज्य के कई हिस्सों का दौरा करने के बाद उन्होंने महसूस किया कि गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं और लोग सरकारी विफलता के चलते कठिनाइयों से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे इन सारे मुद्दों को विधानसभा में जोर-शोर से उठाएंगे.
इस मानसून सत्र के दौरान सत्ता पक्ष जहां अपनी योजनाओं और नीतियों को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा, वहीं विपक्ष राज्य में भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और जनहित से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। गोवा की राजनीति में यह सत्र आने वाले महीनों के लिए कई संदेश तय कर सकता है.