गिलगित सिटी, पीओजीबी. पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान (पीओजीबी) की बार काउंसिल से जुड़े कई वकीलों ने आतंकवाद विरोधी अधिनियम की अनुसूची चार की सूची में अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) के नेतृत्व को शामिल करने की निंदा की है.
पामीर टाइम्स के अनुसार, इसे पाकिस्तान के संविधान का उल्लंघन बताते हुए, गिलगित-बाल्टिस्तान हाई काउंट बार एसोसिएशन ने अध्यक्ष एहसान अली एडवोकेट सहित एएसी नेताओं को सूची से हटाने और क्षेत्र की संवैधानिक स्थिति के समाधान तक गिलगित-बाल्टिस्तान के निवासियों के खिलाफ उक्त कानून के तहत कार्रवाई रोकने की मांग की है.
दो अन्य वकील संगठनों पीओजीबी गिलगित बार एसोसिएशन और हुंजा बार एसोसिएशन ने अलग-अलग प्रेस विज्ञप्तियों में यही मांग उठाई थी. और सरकार से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में कटौती न करने का आग्रह किया था.
इसके अलावा, पीओजीबी से जुड़े वकील अशफाक एडवोकेट ने कहा कि अगर एएसी नेताओं के नाम नहीं हटाए गए, तो वे इस कानून को अदालत में चुनौती देंगे. गौरतलब है कि यह अधिनियम रक्षा बलों को विशेष अधिकार प्रदान करता है. अधिनियम के प्रावधान आतंकवाद को रोकने की आड़ में संघीय और प्रांतीय सरकारों को विशेष अधिकार प्रदान करते हैं.
आवामी एक्शन कमेटी पीओजीबी के लोगों के अधिकारों की आवाज रही है. अतीत में, सामाजिक निकाय ने गेहूं और आटे की सब्सिडी को रद्द करने, बिजली पर उच्च कराधान और पीओजीबी क्षेत्र के गंभीर अविकसितता जैसे पीओजीबी के मुद्दों के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हुए कई विरोध प्रदर्शनों का आयोजन और भाग लिया है.
इससे पहले, पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान (पीओजीबी) के तौस क्षेत्र में अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) के कई प्रतिनिधियों ने बुधवार को क्षेत्र में तेजी से बढ़ते बिजली बिलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. आम जनता ने पीओजीबी के लोगों के सामने आने वाले मुद्दों की अनदेखी करने के लिए स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारे लगाकर अपना गुस्सा जाहिर किया.
विरोध प्रदर्शन के दौरान एएसी से जुड़े एक स्थानीय नेता ने कहा, ‘‘हमें अब दुनिया भर के दुश्मनों की जरूरत नहीं है, इसके लिए हमारे मुख्यमंत्री ही काफी हैं. दूसरे, हमारे पास हमारे राजनीतिक प्रतिनिधि हैं, जो हमसे वोट लेने के बावजूद सरकार के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं, ये दोनों ही पीओजीबी में हमारे संसाधनों को लूटने के लिए काफी हैं. इन लोगों से ज्यादा हमारी जिंदगी कोई और बर्बाद नहीं कर पाया है. क्योंकि ये ही लोग हमारी मेहनत की कमाई पर भारी टैक्स लगाते हैं और आलीशान जिंदगी जीते हैं.’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘ये ही लोग हैं जिन्होंने हमारे पैसे से बहुत ज्यादा संसाधन बनाए हैं, जबकि इसे प्रोटोकॉल पर खर्च किया गया पैसा कहते हैं, वे हमसे लगभग 300 प्रतिशत ज्यादा कमाते हैं और हम अभी भी गरीबी में जी रहे हैं.’’
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