गुलाम नबी को पद्म सम्मान पर घमासान, कर्ण सिंह बोले विवाद से 'काफी दुख हुआ'

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 27-01-2022
कर्ण सिंह
कर्ण सिंह

 

नई दिल्ली. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान दिए जाने की घोषणा के बाद पार्टी में जारी विवाद के बीच वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कर्ण सिंह ने उनका समर्थन करते हुए गुरुवार को कहा कि वह इस घटनाक्रम से बहुत दुखी हैं और श्री आजाद के कठोर परिश्रम तथा समर्पण की सराहना की जानी चाहिए.


डा. सिंह ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि इस मामले को लेकर जारी विवाद से उन्हें काफी दुख हुआ है और उनके मित्र आजाद इस लायक हैं.

 

उन्होंने कहा, ये राष्ट्रीय पुरस्कार दलगत राजनीति का विषय नहीं बनने चाहिए, कम से कम पार्टी के भीतर तो नहीं.

 

उन्होंने कहा कि वह श्री आजाद को 1971 से जानते हैं और वह कड़ी मेहनत तथा समर्पण के चलते इस मुकाम को हासिल कर सके हैं और राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने सकारात्मक एवं रचनात्मक भूमिका निभाई है.

 

उन्होंने कहा, अगर हमारे किसी सहयोगी को सम्मानित किया जाता है, तो उस पर टिप्पणियों के बजाय गर्मजोशी से उनकी सराहना की जानी चाहिए.

 

पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी कलह फिर सामने आ गई है. पार्टी के जी-23 नेता जहां राज्यसभा के पूर्व विपक्ष के नेता की तारीफ कर रहे हैं, वहीं पार्टी की चुप्पी पर कपि सिब्बल ने इस रुख की आलोचना की है.

 

श्री आजाद को दिए गए पद्म भूषण पुरस्कार को लेकर पार्टी बंटी हुई नजर आ रही है. जयराम रमेश के ट्वीट के बाद पार्टी नेता कपिल सिब्बल आजाद के खुले समर्थन में आ गए हैं.

 

सिब्बल ने ट्वीट किया, गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया, बधाई भाईजान, विडंबना है कि है जब देश सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को पहचानता है तो कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं .

 

पद्म पुरस्कारों की घोषणा के बाद, जयराम रमेश ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य द्वारा अस्वीकृति पर अपनी पार्टी के सहयोगी गुलाम नबी आजाद पर कटाक्ष किया.

 

भट्टाचार्य के पुरस्कार लेने से इनकार करने पर रमेश ने ट्वीट किया, ठीक है, वह गुलाम नहीं ,आजाद बनना चाहते हैं.

 

यह टिप्पणी परोक्ष रूप से पार्टी सहयोगी गुलाम नबी आजाद को लक्ष्य कर की गई थी, जिन्हें सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है.

 

आजाद पूर्व केंद्रीय मंत्री भी हैं और कुछ समय पहले तक वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे. वह कांग्रेस में सबसे पहले पार्टी में नेतृत्व का मुद्दा उठाने वालों में से एक थे.

 

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने मंगलवार को भारत सरकार द्वारा उन्हें दिए गए पद्म भूषण पुरस्कार को लेने से इनकार कर दिया है.